आचार्य श्रीराम शर्मा >> जागो शक्तिस्वरूपा नारी जागो शक्तिस्वरूपा नारीश्रीराम शर्मा आचार्य
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नारी जागरण हेतु अभियान
बड़प्पन दिखाने की बहुत होड़ चल रही है
आज शेखीखोरी, बनावट, ढोंग, फैशनपरस्ती और बड़प्पन दिखाने की बहुत होड़ चल रही है। इन बातों में लोग अपनी हैसियत से बहुत अधिक खर्च करते हैं। ठाट-बाट बनाने में अपनी गाढ़ी कमाई का अधिकांश भाग फेंक देते हैं। कीमती कपड़े पहनने की कोई उपयोगिता समझ में नहीं आती। शरीर ढकने के लिए सीधे-सादे कपड़े पर्याप्त हैं, पर जब उनमें प्रचुर धन खर्च करके कीमती सूट और मँहगी साड़ी पहन कर लोग बाजार में निकलते हैं, तो उनका उद्देश्य देखने वालों पर वह रौब गाँठना होता है कि हम बहुत बड़े अमीर हैं।
इसी प्रकार जेवर लादे फिरने का फूहड़पन भी इसी ओछी बुद्धि का परिचायक है कि लोग हमें धनी समझें। धनी होने का प्रमाण पत्र गले में लटकाये फिरने, हाथ-पैरों में बाँधे फिरने का फितूर ही जेवर पहनने की भौंडी शक्ल बनाये फिरता है।
जो धन बैंक में जमा होकर या किसी कारोबार में लग कर दिन-दिन बढ़ता रह सकता था और कितने ही लोगों के लिए रोजी रोटी उत्पन्न करने वाला बन सकता था। उसे जेवरों में रोक कर पंगु बना देना वस्तुत: लक्ष्मीजी का अपमान है।
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