आचार्य श्रीराम शर्मा >> जागो शक्तिस्वरूपा नारी जागो शक्तिस्वरूपा नारीश्रीराम शर्मा आचार्य
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नारी जागरण हेतु अभियान
राष्ट्र की भावी पीढ़ी का निर्माण
राष्ट्र की भावी पीढ़ी का निर्माण करने वाली माँ ही है। केवल माँ और उस माँ को पिछले दिनों बड़ी दुर्गति भुगतनी पड़ी है। उसका स्वरूप रमणी, कामिनी, वंदिनी एवं भोग्या का ही रहा है। पग-पग पर उसे तिरस्कार, प्रताड़ना, पराधीनता, असंतोष और घुटन का ही सामना करना पड़ा है। यह स्थिति खेदजनक ही कही जाएगी; क्योंकि इसी कारण नारी अपनी सारी विशेषताएँ खो बैठी है और कलेवर से मनुष्य होते हुए भी गये-गुजरे पशु-प्राणियों का सा जीवन बिता रही है।
समाज के निर्माण में नारी की महत्त्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए ही भगवान् मनु को कहना पड़ा है कि वह स्थान और देश जहाँ नारियों की पूजा होती है, स्त्रियों का सम्मान होता है, वह देवताओं की निवास भूमि है। पूजा और सम्मान का अर्थ यही है कि उसे भी मनुष्य रूप में जीने का और विकास करने का समान अधिकार दिया जाय। तभी वह भावी पीढ़ी का निर्माण दक्षतापूर्वक कर सकेगी और समाज को भविष्य उज्ज्वल हो सकेगा।
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