आचार्य श्रीराम शर्मा >> गायत्री की असंख्य शक्तियाँ गायत्री की असंख्य शक्तियाँश्रीराम शर्मा आचार्य
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गायत्री की शक्तियों का विस्तृत विवेचन
खलघ्नी
खलों को, दुष्टों को मारने वाली। भगवान के अवतार का उद्देश्य 'परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्' है। इसी प्रकार भगवती गायत्री भी दुष्टों-खलों का शमन करती हैं। साधक को अपने भीतर और बाहरी क्षेत्रों में अनेक खलों से नित्य ही काम पड़ता है, इसके निराकरण में गायत्री माता का सहारा लिया जा सकता है। इन खलों को निर्मल बना देना, असंतों को संत बना देना इस महाशक्ति का प्रधान कार्य है।
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