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आचार्य श्रीराम शर्मा >> गायत्री की असंख्य शक्तियाँ

गायत्री की असंख्य शक्तियाँ

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : युग निर्माण योजना गायत्री तपोभूमि प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :60
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15484
आईएसबीएन :00000

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गायत्री की शक्तियों का विस्तृत विवेचन

ऋषि-मंडलचारिणी


वस्तुतः गायत्री ऋषि मंडल में निवास करने वाली है। दुष्ट वासना-तृष्णा में उलझे हुए, अधोगामी प्रवृत्तियों के गुलाम न तो गायत्री की उपयोगिता जानते हैं, न मानते हैं, न उसको जीवन में धारण करने का प्रयत्न करते हैं। उनके लिए वह व्यर्थ की वस्तु है। हीरे का मूल्य घसियारा भला क्या समझ पाएगा? उसकी परख तो जौहरी ही कर सकते हैं। जिनमें विवेक की समुचित मात्रा है, वे ही गायत्री का महत्त्व जानते हैं और उससे लाभ उठाने के लिए प्राणपण से प्रयत्न करते हैं। ऋषियों के समाज में ही गायत्री का आचरण होता देखा गया है, इसी से वह ऋषि-मंडल-चारिणी है।

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