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आचार्य श्रीराम शर्मा >> गायत्री की असंख्य शक्तियाँ

गायत्री की असंख्य शक्तियाँ

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : युग निर्माण योजना गायत्री तपोभूमि प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :60
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15484
आईएसबीएन :00000

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गायत्री की शक्तियों का विस्तृत विवेचन

अव्यक्ता


यों उपासना की अनिवार्य आवश्यकता के रूप में अन्य सभी साधनाओं की भाँति गायत्री का भी नाम और रूप व्यक्त करना पड़ा है। उच्चारण की दृष्टि से २४ अक्षरों में उसे स्वरबद्ध किया गया है और ध्यान का एकमात्र आधार रूप भी प्रस्तुत करके गायत्री माता की छवि में अंकित किया गया है, पर यह ध्यान रखना चाहिए कि यह नाम रूप पर आधारित माता, प्रवाह के रूप में उसी प्रकार फैली हुई हैं जैसे गरमी, सरदी, विद्युत, ईश्वर आदि सूक्ष्म एवं अदृश्य रूप से सर्वत्र फैले रहते हैं। इस दृष्टि से उसे निराकार भी कहा जा सकता है।

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