लोगों की राय

आचार्य श्रीराम शर्मा >> बिना मोल आफत दुर्व्यसन

बिना मोल आफत दुर्व्यसन

श्रीराम शर्मा आचार्य

प्रकाशक : युग निर्माण योजना गायत्री तपोभूमि प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :60
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15476
आईएसबीएन :00000

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

दुर्व्यसनों की समस्या

अफीम


अफीम का नशा घातक है और तनिक सी अधिक मात्रा में लेने से मृत्यु का भय है। आमतौर से थकावट तथा जाड़े को भगाने के लिए भी उसका उपयोग किया जाता है। किसी बीमारी को रोकने या भगाने के लिए लोग अफीम का सेवन करते हैं। ये सभी सेवन के तरीके कृत्रिम और अनुचित हैं। बच्चों के देने से वे नशे में पड़े तो रहते हैं, किन्तु उनका स्वास्थ्य नष्ट हो जाता है, भूख मारी जाती है, स्वाभाविक चैतन्य शक्ति, उल्लास, उत्साह, प्रसन्नता मारी जाती है। शरीर कृश, दिमाग निर्बल एवं रक्त हीनता हो जाती है। ऐसे बच्चे जब पढ़ते हैं, तो उनमें एकाग्रता और कुशाग्रता का अभाव होता है।

मानसिक क्षेत्र में अफीम के प्रयोग से। ज्ञानात्मक शक्तियाँ निर्बल होती हैं। विशेषतः स्मरण शक्ति बिगड़ जाती है। स्नायु और ज्ञान तंतुओं में रोग लग जाते हैं। कुटेव पड़ जाने से यदि नियमित समय पर अफीम प्राप्त न हो, तो किसी भी कार्य में तबियत नहीं लगती, हाथ-पाँव बेजान से पड़े रहते हैं, क्योंकि अफीम उसकी स्वाभाविक शक्ति को पहले ही नष्ट कर डालती है। अफीम की आदत धीरे-धीरे मनुष्य के शरीर और आत्मा को भी खा जाती है। जिन स्थानों में अफीम खाने या पीने की आदत है, वहाँ का संपूर्ण पुरुष वर्ग निकम्मा हो जाता है।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book