आचार्य श्रीराम शर्मा >> बाल नीति शतक बाल नीति शतकश्रीराम शर्मा आचार्य
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बच्चों में ऊर्जा और उत्साह भर देने वाली कविताएँ और संदेश
हम ही तो राष्ट्र के चमन हैं।
हम बच्चों का निर्मल मन है।
जैसा ऊंचा नील गगन है।।
हम न जानते जाति-पांति को।
भेदभाव की किसी बात को।।
हृदय हमारा मूक पवन है।
हम बच्चों का निर्मल मन है।।
गांव स्वार्थ से दूर हमारा।
पढ़ते एक प्रेम की भाषा।।
मंदिर में समवेत नमन है।
हम बच्चों का निर्मल मन है।।
जीवन अपना फूल सरीखा।
खुशबू देना हमने सीखा।।
हम हो तो राष्ट्र के चमन हैं।
हम बच्चों के निर्मल मन हैं।।
जैसा ऊंचा नील गगन है।।
हम न जानते जाति-पांति को।
भेदभाव की किसी बात को।।
हृदय हमारा मूक पवन है।
हम बच्चों का निर्मल मन है।।
गांव स्वार्थ से दूर हमारा।
पढ़ते एक प्रेम की भाषा।।
मंदिर में समवेत नमन है।
हम बच्चों का निर्मल मन है।।
जीवन अपना फूल सरीखा।
खुशबू देना हमने सीखा।।
हम हो तो राष्ट्र के चमन हैं।
हम बच्चों के निर्मल मन हैं।।
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