नई पुस्तकें >> रौशनी महकती है रौशनी महकती हैसत्य प्रकाश शर्मा
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‘‘आज से जान आपको लिख दी, ये मेरा दिल है पेशगी रखिये’’ शायर के दिल से निकली गजलों का नायाब संग्रह
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सर पे चढ़ेगी धूप, कभी शाम आएगी
सर पे चढ़ेगी धूप, कभी शाम आएगी
ज़िन्दादिली सफ़र में बहुत काम आएगी
करने उदासियों का अदब आएगी ज़रूर
याद उनकी देख लेना सरे-शाम आएगी
रुसवाइयां तो तुझको करेंगी ही सुर्ख़रू
लेकर वफ़ा भी इश्क़ में इल्ज़ाम आएगी
तू भी कज़ा को ज़ीस्त कहेगा मेरी तरह
दीवानगी कभी जो तेरे नाम आएगी
दामन न दे सके किसी आँसू को हम अगर
तो फिर हमारी ज़िन्दगी किस काम आएगी
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