नई पुस्तकें >> रौशनी महकती है रौशनी महकती हैसत्य प्रकाश शर्मा
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‘‘आज से जान आपको लिख दी, ये मेरा दिल है पेशगी रखिये’’ शायर के दिल से निकली गजलों का नायाब संग्रह
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आपको हो न एतराज़ कोई
आपको हो न एतराज़ कोई
हमसे छुपता नहीं है राज़ कोई
कैसे रिश्तों से फ़ायदा पहुँचे
हमको इसका नहीं रियाज़ कोई
दिल में क्या है ये साफ़ दिखता है
हो अगर दिल, न हो दराज़ कोई
भीड़ तो है दिमाग़ वालों की
मिल ही जायेगा दिलनवाज़ कोई
चाँद-तारों को नोच ले बढ़ कर
अब यहाँ है कहाँ ‘मजाज़’ कोई
दिल की दौलत न साथ ले के चलो
लूट लेगा इसे रिवाज़ कोई
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