लोगों की राय

नई पुस्तकें >> रौशनी महकती है

रौशनी महकती है

सत्य प्रकाश शर्मा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :112
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15468
आईएसबीएन :978-1-61301-551-3

Like this Hindi book 0

5 पाठक हैं

‘‘आज से जान आपको लिख दी, ये मेरा दिल है पेशगी रखिये’’ शायर के दिल से निकली गजलों का नायाब संग्रह


33

अपने चेहरे का आब मांगेंगे


अपने चेहरे का आब मांगेंगे
वक़्त से हम जवाब मांगेंगे

जिसने दी है ये तिश्नगी हमको
हम उसी से शराब मांगेंगे

और हैं किसके पास ता‘बीरें
और हम किससे ख़्वाब मांगेंगे

भूल जाते हैं दर्द देकर सब
आप किससे हिसाब मांगेंगे

दोस्ती का असर तो होगा ही
हमसे वाइज़ शराब मांगेंगे

0 0 0

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book