नई पुस्तकें >> प्रतिभार्चन - आरक्षण बावनी प्रतिभार्चन - आरक्षण बावनीसारंग त्रिपाठी
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५२ छन्दों में आरक्षण की व्यर्थता और अनावश्यकता….
उद्बोधन
बढ़ाओ पाँव निष्ठा से महा अभियान चल देगा।
करेगा कारवाँ जब कूच तो तूफान चल देगा ।।
जियो तो देश की खातिर मरो तो आदमीयत पर
तो फिर पीछे तेरे इंसान क्या? भगवान चल देगा।।
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