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सुबह रक्त पलास की

उमाकांत मालवीय

प्रकाशक : स्मृति प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 1976
पृष्ठ :80
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 15463
आईएसबीएन :0

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सुबह रक्तपलाश की - उमाकान्त मालवीय का तीसरा कविता संग्रह है…


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टालो भी यार


टालो भी यार

और मुँह ढक कर सो जाओ।

बड़े-बड़े दर्शन
औ' कर्म बहुत छोटे
क्या हुआ नहीं पहने
अगर सौ मुखौटे।
बैठे ठाले ही कोई गीत गुनगुनाओ।

शब्द अवज्ञा करते
अर्थ नहीं ढोते।
दो दो मिलकर हरदम
चार नहीं होते।
जिद करें चुनौतियाँ
तो पहेलियाँ बुझाओ।

राजपथों पर
सिर धुनती जययात्रायें
दिशा शूल की मारी
कहो कहाँ जायें।
जागते सवाल ?
नींद की गोलियाँ खिलाओ।

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