नई पुस्तकें >> सूक्ति प्रकाश सूक्ति प्रकाशडॉ. ओम प्रकाश विश्वकर्मा
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1000 सूक्तियों का अनुपम संग्रह
प्रसन्नता सब गुणों की मां है।
- पोटे
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संसार में प्रसन्न रहने का एक ही उपाय है : वह यह कि अपनी आवश्यकताओं को कम करो।
- गांधी
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प्रसन्नता आत्मा का स्वास्थ्य है; उदासी जहर।
- स्टेनिसलास
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जो अपनी छलकती आँखों से, पवित्र विचारों से, मीठे शब्दों से और शुभ कार्यों से आनन्द बरसाता है, लोग उसको हमेशा प्रसन्न रखते हैं।
- अज्ञात
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भारी भरकम शरीर होते हुए भी मूर्ख मनुष्य को हम बड़ा नहीं कह सकते; जो प्रज्ञावान है वही बड़ा है।
- अज्ञात
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श्रद्धा से जो कुछ मांगोगे, तुम्हें मिलेगा।
- बाइबिल
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जो कुछ प्राप्त करना हो उसे तू तलवार से नहीं, मुसकान से प्राप्त कर।
- शेक्सपीयर
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पाप करके प्रायश्चित करना कीचड़ में पैर डालकर धोने के समान है।
- अज्ञात
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सब्र सबसे बड़ी प्रार्थना है। सज्जन से की हुई प्रार्थना कब सफल नहीं होती?
- कालिदास
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प्रार्थना में साकार मूर्ति का मैने निषेध नहीं किया है, हाँ; निराकार को ऊँचा स्थान दिया है—मेरी दृष्टि से निराकार ही अधिक अच्छा है।
- गाँधी
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प्रार्थना में वाणी और हृदय को मिला दे; एक उँगली से गाँठ नहीं खुलती।
- मनसुख
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जो बिना प्रार्थना किये सोता है, हर दिन को दो रात बनाता है।
- हरबर्ट
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हे प्रभो, मेरी प्रार्थना है कि मैं अन्दर से सुन्दर बनें।
- सुकरात
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क्या प्रार्थनाओं का संचमुच कुछ असर है? हाँ, जब मन और वाणी. एक होकर कोई चीज मांगते हैं, तो उस प्रार्थना का जवाब मिलता है।
- रामकृष्ण परमहंस
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शब्द जितने कम हों प्रार्थना उतनी ही प्रभावकारी व उत्तम होती है।
- ल्यूथर
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मैं अपना कोई काम बिना प्रार्थना किये नहीं करता।
- गाँधी
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मेरी प्रार्थना होगी-दूसरे के लिये।
- अज्ञात
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वह न होने दे जो मैं चाहता हूं, बल्कि वह होने दे जो ठीक है।
- अज्ञात
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प्रेम आँखों से नहीं बल्कि हृदय से देखता है; और इसलिये प्रेम के देवताओं को अंधा बताया गया है।
- शेक्सपीयर
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प्रेम स्वर्ग का रास्ता है।
- टालस्टाय
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प्रेम की जबान आँखों में है।
- अज्ञात
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कोई आदमी इस भुलावे में न रहे कि उसे कोई प्यार करता है, जबकि वह किसी से प्यार नहीं करता।
- एपिक्टेटस
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'प्रेम सब कुछ जीतता है' यह अमर वाक्य हृदय में जमने दो। कोई भी आवे प्रसन्न रहना ही अपना धर्म है।
- गाँधी
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प्रेम की अग्नि एक बार बुझ जाय तो फिर, बड़ी मुश्किल से जलती है।
- कहावत
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