लोगों की राय

मूल्य रहित पुस्तकें >> उपयोगी हिंदी व्याकरण

उपयोगी हिंदी व्याकरण

भारतीय साहित्य संग्रह

Download Book
प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2021
पृष्ठ :400
मुखपृष्ठ : ईपुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 12546
आईएसबीएन :1234567890

Like this Hindi book 0

हिंदी के व्याकरण को अघिक गहराई तक समझने के लिए उपयोगी पुस्तक

अध्याय 6

शब्द रचना — उपसर्ग और प्रत्यय विधान


पिछले अध्याय में रचना की दृष्टि से वर्गीकरण के अंतर्गत यह बताया गया था कि शब्द या तो रूढ़ (सरल) होते हैं, या यौगिक। वहाँ यह भी बताया था कि शब्द या तो रूढ़ (सरल) होते हैं, या यौगिक। वहाँ यह भी बताया गया था कि यौगिक के दो भेद होते हैं —

(1) शब्द में उपसर्ग अथवा/और प्रत्यय लगाने से बने यौगिक, और

(2) दो या दो से अधिक रूढ़/यौगिक शब्दों के समास द्वरा संबद्ध होने से बने यौगिक। इस अध्याय में यौगिकों की रचना पर विस्तार से विचार किया जा रहा है।

उपसर्ग और प्रत्यय दोनों ही रूढ़ या सरल शब्द नहीं होते हैं। ये शब्दांश मात्र होते हैं। ये वाक्य में अकेले-अकेले प्रयुक्त नहीं होते। उदाहरणार्थ — घरेलू (= घर + एलू) में घर एक रूढ़ शब्द है, इसमें एलू प्रत्यय लगा है। यहाँ घर रूढ़ शब्द है और वाक्य में अपने मूल रूप में भी मिल सकता है, किंतु एलू केवल शब्दांश है और वाक्य में स्वतंत्र रूप से नहीं मिल सकता है।

उपसर्ग और प्रत्यय दोनों शब्दांश मात्र हैं। इनमें अंतर यह है कि उपसर्ग शब्द के पहले आता है, जैसे — अवगुण = अव (उपसर्ग) + गुण, जिसके साथ उपसर्ग अव लग रहा है; जबकि प्रत्यय शब्द के बाद आता है, जैसे — लड़कपन = लड़का (मूल शब्द लड़का का एक रूप) + पन (प्रत्यय)।

इस प्रकार उपसर्ग वे शब्दांश हैं, जो यौगिक शब्द बनाते समय पहले लगते हैं और प्रत्यय वे शब्दांश हैं जो यौगिक बनाते समय बाद में लगते हैं।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book