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गीता प्रेस, गोरखपुर >> शिवपुराण

शिवपुराण

हनुमानप्रसाद पोद्दार

प्रकाशक : गीताप्रेस गोरखपुर प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :812
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 1190
आईएसबीएन :81-293-0099-0

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भगवान शिव की महिमा का वर्णन...


इसके बाद 'नमः श्वभ्यः श्वपतिभ्यश्च वो नमो नमो भवाय च रुद्राय च नमः शर्वाय च पशुपतये च नमो नीलग्रीवाय च शितिकण्ठाय च।'(यजु० १६। २८) इत्यादि मन्त्र को पढ़कर शुद्ध बुद्धिवाला भक्त पुरुष भगवान्‌ को प्रेमपूर्वक गन्ध (सुगन्धित चन्दन एवं रोली) चढ़ाये। 'नमस्तक्षभ्यो रथकारेभ्यश्च वो नमो नमः कुलालेभ्यः कर्मारेभ्यश्च वो नमो नमो निषादेभ्यःपुञ्जिष्ठेभ्यश्च वो नमो नमः श्वनिभ्यो मृगयुभ्यश्च वो नमः।' (यजु० १६। २७) इस मन्त्र से अक्षत अर्पित करे। 'नम: पार्याय चावार्याय च नमः प्रतरणाय चोत्तरणाय च नमस्तीर्थ्याय च कूल्याय च नमः शष्प्याय च फेन्याय च।' (यजु. १६। ४२)  इस मन्त्र से फूल चढ़ाये। 'नमः पर्णाय च पर्णशदाय च नम उद्‌गुरमाणाय चाभिघ्नते च नम आखिदते च प्रखिदते च नम इषुकृद्भ्यो धनुष्कृद्भ्यश्च वो नमो नमो वः किरिकेभ्यो देवानां हृदयेभ्यो नमो विचिन्वत्केभ्यो नमो नमः आनिर्हतेभ्यः।' (यजु० १६। ४६) इस मन्त्र से बिल्वपत्र समर्पण करे। 'नमः कपर्दिने च व्युप्तकेशाय च नमः सहस्राक्षाय च शतधन्वने च नमो गिरिशयाय च शिपिविष्टाय च नमो मीढुष्टमाय चेषुमते च।' (यजु० १६।२९)  इत्यादि मन्त्र से विधिपूर्वक धूप दे।  'नम आशवे चाजिराय च नमः शीघ्र्याय च शीम्याय च नम ऊर्म्याय चावस्वन्याय च नमो नादेयाय च द्वीप्याय च।' (यजु० १६। ३१) इस ऋचा से शास्त्रोक्त विधि के अनुसार दीप निवेदन करे। तत्पश्चात्  (हाथ धोकर) 'नमो ज्येष्ठाय च कनिष्ठाय च नमः पूर्वजाय चापरजाय च नमो मध्यमाय चापगल्भाय च नमो जघन्याय च बुध्न्याय च।' (यजु० १६। ३२) इस मन्त्र से उत्तम नैवेद्य अर्पित करे। फिर पूर्वोक्त त्र्यम्बक-मन्त्र से आचमन कराये। 'इमां रुद्राय तवसे कपर्दिने क्षयद्वीराय प्रभरामहे मतीः। यथा शमसद् द्विपदे चतुष्पदे विश्वं पुष्टं ग्रामे अस्मिन्ननातुरम्।' (यजु० १६। ४८) इस ऋचा से फल समर्पण करे। फिर 'नमो व्रज्याय च गोष्ठ्याय च नमस्तल्प्याय च गेह्याय च नमो हृदय्याय च निवेष्याय च नमः काट्याय च गह्वरेष्ठाय च।' (यजु० १६। ४४) इस मन्त्र से भगवान् शिव को अपना सब कुछ समर्पित कर दे।

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