लोगों की राय

जीवनी/आत्मकथा >> सिकन्दर

सिकन्दर

सुधीर निगम

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2017
पृष्ठ :82
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10547
आईएसबीएन :9781613016343

Like this Hindi book 0

जिसके शब्दकोष में आराम, आलस्य और असंभव जैसे शब्द नहीं थे ऐसे सिकंदर की संक्षिप्त गाथा प्रस्तुत है- शब्द संख्या 12 हजार...


कोरिंथ में उसे ‘हेगेमोन’ (सर्वोच्च सेनापति) की उपाधि दी गई और फिलिप के स्थान पर परसिया के विरुद्ध युद्ध छेड़ने में अनुमति दी गई। इस सम्मान से उसने अपनी संचेतना और सावधानी को ऊध्र्वमुखी कर दिया।

वास्तव में यूनान के नगर राज्य दबाए नहीं दब रहे थे। थे्रस द्वारा विद्रोह करने की सूचना मिली। एशिया प्रयाण करने से पूर्व सिकंदर अपनी उत्तरी सीमाएं सुरक्षित करना चाहता था। ईसा पूर्व 335 के बसंत में वह कई विद्रोह दबाने के लिए अग्रसर हुआ। एम्फोलिस से प्रारंभ करते हुए वह पूर्व में हमस पर्वत पहुंचा। ऊंचाई पर स्थित थेरस सेना को मकदून सेना ने पराजित किया। उसके बाद वह त्रिवल्ली पहुंचा और लाइजीनस (डेन्यूब की सहायक) नदी के किनारे स्थित थे्रस की सेना को पराजित किया। सिकंदर ने तीन दिन तक डेन्यूब नदी के किनारे-किनारे यात्रा की। नदी के पार पहुंचकर गाटो जनजाति से मुठभेड़ में उन्हें पीछे हटने पर बाध्य किया।

इलीरिया के राजा क्लीटस और टौलंती के राजा ग्लाकस ने सिकंदर की प्रभुता के विरुद्ध खुला विद्रोह किया। पश्चिम की ओर प्रयाण करके इलीरिया पहुंचकर सिकंदर ने दोनों राजाओं को पराजित कर उन्हें सेना सहित भागने पर मजबूर किया।

सिकंदर उत्तर में व्यस्त था कि थीब्ज़ और एथेंस ने विद्रोह कर दिया। सिकंदर तत्काल आंधी की तरह दक्षिण की ओर बढ़ा। एथेंस घबराकर पीछे हट गया पर थीब्ज़ ने लड़ने का फैसला किया। सिकंदर पहुंचा और थीब्ज़ परास्त। बिफरी हुई पशुता के आक्रोश के वशीभूत हो उसने नर संहार करने और सभी भवनों को जमींदोज करने का आदेश दिया। सिर्फ मंदिर और पिंडर कवि (जन्म-ईसा पूर्व 600) के घर को छोड़ दिया गया। पिंडर की मृत्यु तो बहुत पहले हो चुकी थी पर उसका घर छोड़कर सिकंदर यह सिद्ध करना चाहता था कि किसी कवि का सम्मान करने में एक मकदून विजेता भी सुसंस्कृत यूनानी की तरह हो सकता है।

थीब्ज़ जमींदोज हो चुका था। पकड़े गए 30 हजार सैनिक दास बनाकर बेच दिए गए। थीब्ज़ की भूमि बिओशन (पिछडे) नगरों को बांट दी गई। थीब्ज़ के अंत ने एथेंस को झुका दिया था। अपने क्रूर कारनामों से सिकंदर ने यूनान को आतंकित कर दिया था। पूरा यूनान कम से कम अस्थाई रूप से डरकर शांत हो गया था।

* *

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book