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ऑथेलो (नाटक)

रांगेय राघव

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2015
पृष्ठ :184
मुखपृष्ठ : ई-पुस्तक
पुस्तक क्रमांक : 10117
आईएसबीएन :978161301295

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Othello का हिन्दी रूपान्तर

इआगो : इसे मैंने इंग्लैंड में सीखा था, जहाँ के लोग पीने में कमाल करते हैं। तुम्हारे डेन, जर्मन, यहाँ तक कि मोटी तोंदवाले हालैण्डवासी भी इस मामले में अँग्रेज़ों के सामने कुछ नहीं हैं।

कैसियो : क्या अँग्रेज़ इतना पियक्कड़ होता है?

इआगो : डेन शराब के नशे में पछाड़ खा जाए, मगर अँग्रेज़ चूँ भी न करेगा। जर्मन को पीने में मात देते वक्त तो उसे पसीना भी नहीं आता। हालैण्डवासी तो कै करने लगता है, जबकि अँग्रेज़ अपना प्याला भरवाने की इच्छा करता है।

कैसियो : हमारे वीर जनरल के स्वास्थ्य के लिए...

मोनटानो : लेफ्टिनेण्ट! मैं तुम्हारे साथ हूँ। शराब के साथ तो अब इंसाफ होगा।

इआगो : आह, प्यारे इग्लैंड!

राजा स्टीफन योग्य व्यक्ति था, बड़ा वीर था;

उसकी ब्रीचेस ( चुस्त पाजामा ) की कीमत बस एक क्राउन ( सिक्का ) थी।

दर्जी ने छ: पेंस ( छोटा सिक्का।) अधिक ले लिए हाथ से,

गाली राजा ने दी उसको यही बात थी।

वह ऊँचे दर्जे का था इन्सान नामवर,

तुम हो नीचे दर्जे के, काहिल सबसे।

गर्व राष्ट्र का लाता सदा पतन जगती पर,

सन्तोषी बन रहो, मिले जो लेकर, सुख से!

और शराब लाओ!

कैसियो : भगवान-कसम! यह गाना तो पहलेवाले से भी अच्छा है।

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