ई-पुस्तकें >> ऑथेलो (नाटक) ऑथेलो (नाटक)रांगेय राघव
|
0 |
Othello का हिन्दी रूपान्तर
इमीलिया : (नेपथ्य से) मैं प्रार्थना करती हूँ, मेरे स्वामी! मुझे भीतर आने दीजिए, मैं कुछ कहना चाहती हूँ!
ऑथेलो : अरे, मैं तो तुझे भूल ही गया था! इमीलिया! भीतर आ जाओ! धीरे, ठहरो! मुझे परदे खींच लेने दो। कहाँ हो तुम?
(द्वार का ताला खोलता है। इमीलिया का प्रवेश)
क्या बात है?
इमीलिया : मेरे प्रिय स्वामी! वहाँ भयानक हत्या हो गई।
ऑथेलो : क्या इस समय?
इमीलिया : हाँ देव! अभी!
ऑथेलो : यह तो चन्द्रमा का ही दोष है। वही मनुष्यों पर अपना भयानक प्रभाव डालता हुआ अपना पथ छोड़कर घूम रहा है।
इमीलिया : कैसियो ने, देव! एक रोडरिगो नामक तरुण वेनिसवासी की हत्या कर दी है!
ऑथेलो : रोडरिगो मर गया? और कैसियो भी मर गया?
इमीलिया : नहीं, कैसियो नहीं मरा।
ऑथेलो : क्या! कैसियो नहीं मरा! तब हत्या चूक गई और प्रिय प्रतिहिंसा कठोर और तीखी हो गई। आनन्द नहीं आया।
डैसडेमोना : हाय, मैं झूठ के लिए मारी गई!
इमीलिया : प्रभु ! यह कैसी पुकार है।
ऑथेलो : क्या? कैसी?
इमीलिया : हाय! वह तो मेरी स्वामिनी का स्वर था! बचाओ! बचाओ! अरे बचाओ! अरे! स्वामिनी! फिर बोलिए! प्रिय डैसडेमोना! ओ प्रिय स्वामिनी! बोलो!
|