शब्द का अर्थ
|
प्रतीत :
|
वि० [सं० प्रति√इ (गति)+क्त] [भाव० प्रतीति] अटकल, अनुमान, विश्वास आदि के आधार पर जान पड़नेवाला या जान पड़ा हुआ। जैसे—ऐसा प्रतीत होता था कि वह अभी तक हमारे अनुकूल ही होगा। २. प्रसिद्ध। विख्यात। ३. प्रसन्न और सन्तुष्ट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रतीति :
|
स्त्री० [सं० प्रति√इ+क्तिन्] १. प्रतीत होने की क्रिया या भाव। २. जानकारी। ज्ञान। ३. किसी बात या विषय के सम्बन्ध में होनेवाला दृढ़ निश्चय या विश्वास। यकीन। ४. प्रसन्नता। हर्ष। ५. आदर। सम्मान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रतीत्य :
|
पुं० [सं० प्रति√इ+क्यप्] सांत्वना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रतीत्य-समुत्पाद :
|
पुं० [सं० ष० त०] बौद्धों के अनुसार अविद्या, संस्कार विज्ञान, नामरूप, षडायतन, स्पर्श, वेदना, तृष्णा, उपादान, भय, जाति और दुःख से बारहों पदार्थ जो उत्तरोत्तर संबद्ध हैं और क्रमात् एक दूसरे से उत्पन्न होते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
प्रतीत्या :
|
स्त्री० [सं० प्रतीच्य+टाप्] पुलस्त्य की माता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |