शब्द का अर्थ
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पूत :
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वि० [सं०√पू (पवित्र करना)+क्त] १. पवित्र। शुद्ध। शुचि। २. सत्य। पुं० १. शंख। २. सफेद कुश। ३. पलास। ४. तिल का पेड़। ५. भूसी निकाला हुआ अन्न। ६. जलाशय। पुं० [सं० पुत्र; प्रा० पुत्त] बेटा। लडका। पुत्र। उदा०—एक पहेली मैं कहूँ, तुम बूझो मेरे पूत। पुं० [देश०] चूल्हे के दोनों किनारों और बीच के वे नुकीले उभार जिनके सहारे पर कड़ाही, तवा, देगची आदि रखते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत :
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वि० [सं०√पू (पवित्र करना)+क्त] १. पवित्र। शुद्ध। शुचि। २. सत्य। पुं० १. शंख। २. सफेद कुश। ३. पलास। ४. तिल का पेड़। ५. भूसी निकाला हुआ अन्न। ६. जलाशय। पुं० [सं० पुत्र; प्रा० पुत्त] बेटा। लडका। पुत्र। उदा०—एक पहेली मैं कहूँ, तुम बूझो मेरे पूत। पुं० [देश०] चूल्हे के दोनों किनारों और बीच के वे नुकीले उभार जिनके सहारे पर कड़ाही, तवा, देगची आदि रखते हैं। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-क्रतु :
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पुं० [ब० स०] इन्द्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-क्रतु :
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पुं० [ब० स०] इन्द्र। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-गंध :
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पुं० [ब० स०] बर्बर नामक सुगंधित तृण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-गंध :
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पुं० [ब० स०] बर्बर नामक सुगंधित तृण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-तृण :
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पुं० [कर्म० स०] सफेद कुश। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-तृण :
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पुं० [कर्म० स०] सफेद कुश। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-दारु :
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पुं० [कर्म० स०] पलास। ढाक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-दारु :
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पुं० [कर्म० स०] पलास। ढाक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-द्रु :
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पुं० [कर्म० स०] १. ढाक। पलास। २. खैर का पेड़। ३. देवदार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-द्रु :
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पुं० [कर्म० स०] १. ढाक। पलास। २. खैर का पेड़। ३. देवदार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-धान्य :
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पुं० [कर्म० स०] तिल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-धान्य :
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पुं० [कर्म० स०] तिल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-पत्री :
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स्त्री० [ब० स०, ङीष्] तुलसी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-पत्री :
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स्त्री० [ब० स०, ङीष्] तुलसी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-फल :
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पुं० [ब० स०] कटहल का पेड़ और उसका फल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-फल :
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पुं० [ब० स०] कटहल का पेड़ और उसका फल। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-मति :
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वि० [ब० स०] पवित्र बुद्धिवाला। पवित्र अंतःकरणवाला। पुं० शिव का एक नाम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूत-मति :
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वि० [ब० स०] पवित्र बुद्धिवाला। पवित्र अंतःकरणवाला। पुं० शिव का एक नाम। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतक्रतायी :
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स्त्री० [सं० पूतक्रतु+ङीष्, ऐ-आदेश] इंद्र की पत्नी। इन्द्राणी। शची। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतक्रतायी :
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स्त्री० [सं० पूतक्रतु+ङीष्, ऐ-आदेश] इंद्र की पत्नी। इन्द्राणी। शची। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतड़ा :
|
पुं०=पोतड़ा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतड़ा :
|
पुं०=पोतड़ा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतन :
|
पुं० [सं० पूत+णिच्+ल्यु—अन] १. वैद्यक के अनुसार गुदा में होनेवाला एक प्रकार का रोग २. बेताल। ३. कब्र में रखा हुआ शव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतन :
|
पुं० [सं० पूत+णिच्+ल्यु—अन] १. वैद्यक के अनुसार गुदा में होनेवाला एक प्रकार का रोग २. बेताल। ३. कब्र में रखा हुआ शव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतना :
|
स्त्री० [सं० पूतन+टाप्] १. एक राक्षसी जो कंस के कहने पर बालक कृष्ण को मारने के उद्देश्य से अपने स्तनों पर विष लगाकर, उसे स्तन-पान कराने आई थी। बालक कृष्ण ने इसका दुष्ट उद्देश्य जान लिया और इसे मार डाला। २. राक्षसी। दानवी। ३. सुश्रुत के अनुसार, एक बाल-ग्रह या बाल रोग जिसमें बच्चे को जल्दी अच्छी नींद नहीं आती। उसे पतले, मैले दस्त आते हैं, बहुत प्यास लगती है और बार-बार कै होती है। ४. कार्तिकेय की अनुचरी एक मातृका। ५. पीली हर्रे। ६. सुगंधित जटामासी। गन्ध-मासी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतना :
|
स्त्री० [सं० पूतन+टाप्] १. एक राक्षसी जो कंस के कहने पर बालक कृष्ण को मारने के उद्देश्य से अपने स्तनों पर विष लगाकर, उसे स्तन-पान कराने आई थी। बालक कृष्ण ने इसका दुष्ट उद्देश्य जान लिया और इसे मार डाला। २. राक्षसी। दानवी। ३. सुश्रुत के अनुसार, एक बाल-ग्रह या बाल रोग जिसमें बच्चे को जल्दी अच्छी नींद नहीं आती। उसे पतले, मैले दस्त आते हैं, बहुत प्यास लगती है और बार-बार कै होती है। ४. कार्तिकेय की अनुचरी एक मातृका। ५. पीली हर्रे। ६. सुगंधित जटामासी। गन्ध-मासी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतना-दूषण :
|
पुं० [ष० त०] श्रीकृष्ण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतना-दूषण :
|
पुं० [ष० त०] श्रीकृष्ण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतना-सूदन :
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पुं० [ष० त०] श्रीकृष्ण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतना-सूदन :
|
पुं० [ष० त०] श्रीकृष्ण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतनारि :
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पुं० [सं० ष० त०] पूतना के शत्रु; श्रीकृष्ण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतनारि :
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पुं० [सं० ष० त०] पूतना के शत्रु; श्रीकृष्ण। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतनाहर्रे :
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स्त्री० [सं० पूतना+हिं० हर्रे] छोटी हर्रे। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतनाहर्रे :
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स्त्री० [सं० पूतना+हिं० हर्रे] छोटी हर्रे। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतनिका :
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स्त्री० [सं० पूतन+कन्+टाप्, इत्व] १. पूतना (राक्षसी)। २. पूतना नामक बाल रोग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतनिका :
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स्त्री० [सं० पूतन+कन्+टाप्, इत्व] १. पूतना (राक्षसी)। २. पूतना नामक बाल रोग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतभृत् :
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पुं० [सं० पूत√भृ (धारण करना)+क्विप्] वह पवित्र बरतन जिसमें सोम रस रखा जाता था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतभृत् :
|
पुं० [सं० पूत√भृ (धारण करना)+क्विप्] वह पवित्र बरतन जिसमें सोम रस रखा जाता था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतर :
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पुं० [सं० पूत√रा (देना)+क] १. एक प्रकार का जल-जंतु। २. तुच्छ व्यक्ति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतर :
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पुं० [सं० पूत√रा (देना)+क] १. एक प्रकार का जल-जंतु। २. तुच्छ व्यक्ति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतरा :
|
पुं० [स्त्री० पूतरी]=पुतला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=पूत (बेटा)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतरा :
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पुं० [स्त्री० पूतरी]=पुतला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=पूत (बेटा)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतरी :
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स्त्री०=पुतली।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतरी :
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स्त्री०=पुतली।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूता :
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स्त्री० [सं० पूत+टाप्] दुर्गा। वि० स्त्री०=शुद्ध। पवित्र। पुं० [सं० पुत्र, हिं० पुत्र, हिं० पूत] पुत्र। बेटा। प्रायः सम्बोधन कारक में प्रयुक्त)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूता :
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स्त्री० [सं० पूत+टाप्] दुर्गा। वि० स्त्री०=शुद्ध। पवित्र। पुं० [सं० पुत्र, हिं० पुत्र, हिं० पूत] पुत्र। बेटा। प्रायः सम्बोधन कारक में प्रयुक्त)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतात्मा (त्मन्) :
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वि० [पूत-आत्मन्, ब० स०] पवित्रात्मा। शुद्ध अंतःकरण का। पुं० विष्णु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतात्मा (त्मन्) :
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वि० [पूत-आत्मन्, ब० स०] पवित्रात्मा। शुद्ध अंतःकरण का। पुं० विष्णु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति :
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स्त्री० [सं०√पू+क्तिन्, कितच्] १. पवित्रता। शुचिता। २. दुर्गंध। ३. गंध-मार्जार। ४. रोहित तृण। ५. घावों, फोड़ों आदि में विषाक्त कीटाणुओं आदि के उत्पन्न होने के कारण उनका सड़ने-लगना जो प्रायः रोगी के लिए घातक सिद्ध होता है। सड़ायँध (सेप्टिक) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति :
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स्त्री० [सं०√पू+क्तिन्, कितच्] १. पवित्रता। शुचिता। २. दुर्गंध। ३. गंध-मार्जार। ४. रोहित तृण। ५. घावों, फोड़ों आदि में विषाक्त कीटाणुओं आदि के उत्पन्न होने के कारण उनका सड़ने-लगना जो प्रायः रोगी के लिए घातक सिद्ध होता है। सड़ायँध (सेप्टिक) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-कन्या :
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स्त्री० [मध्य० स०] पुदीना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-कन्या :
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स्त्री० [मध्य० स०] पुदीना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-करंज :
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पुं० [मध्य० स०] फसल के रक्षार्थ प्रायः मेड़ों पर लगाया जानेवाला एक क्षुप जिसमें बहुत अधिक काँटे होते हैं। काँटा-करंज। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-करंज :
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पुं० [मध्य० स०] फसल के रक्षार्थ प्रायः मेड़ों पर लगाया जानेवाला एक क्षुप जिसमें बहुत अधिक काँटे होते हैं। काँटा-करंज। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-कर्ण, पूति-कर्णक :
|
पुं० [ब० स०] [ब० स०+कप्] कान का एक रोग जिसमें अन्दर घाव या फुंसी होने के कारण बदबूदार पीब निकलता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-कर्ण, पूति-कर्णक :
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पुं० [ब० स०] [ब० स०+कप्] कान का एक रोग जिसमें अन्दर घाव या फुंसी होने के कारण बदबूदार पीब निकलता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-काष्ठ :
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पुं० [कर्म० स०] देवदारु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-काष्ठ :
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पुं० [कर्म० स०] देवदारु। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-कीट :
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पुं० [मध्य० स०] एक तरह की मधुमक्खी। पूतिका। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-कीट :
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पुं० [मध्य० स०] एक तरह की मधुमक्खी। पूतिका। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-कुंड :
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पुं० [ष० त०] आज-कल एक प्रकार का गड्ढा या कुंड जो गृहस्थों के घर के पास मल-मूत्र इकट्ठा करने के लिए बनाया जाता है। (सेप्टिक टैंक) विशेष—ऐसे कुंडों की आवश्यकता उन्हीं नगरों या स्थानों में होती है जहाँ मल-मूत्र वहन करनेवाले नल नहीं होते। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-कुंड :
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पुं० [ष० त०] आज-कल एक प्रकार का गड्ढा या कुंड जो गृहस्थों के घर के पास मल-मूत्र इकट्ठा करने के लिए बनाया जाता है। (सेप्टिक टैंक) विशेष—ऐसे कुंडों की आवश्यकता उन्हीं नगरों या स्थानों में होती है जहाँ मल-मूत्र वहन करनेवाले नल नहीं होते। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-केशर :
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पुं० [ब० स०] १. नागकेशर। २. गंध-मार्जार। मुश्क-बिलाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-केशर :
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पुं० [ब० स०] १. नागकेशर। २. गंध-मार्जार। मुश्क-बिलाव। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-गंध :
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पुं० [ब० स०] १. राँगा। २. हिगोट। इंगुदी ३. गंधक। ४. दुर्गंध। वि० दुर्गंधवाला। बदबूदार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-गंध :
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पुं० [ब० स०] १. राँगा। २. हिगोट। इंगुदी ३. गंधक। ४. दुर्गंध। वि० दुर्गंधवाला। बदबूदार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-गंधि (क) :
|
वि० [ब० स०,+कप्] दुर्गंधवाला। बदबूदार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-गंधि (क) :
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वि० [ब० स०,+कप्] दुर्गंधवाला। बदबूदार। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-दला :
|
स्त्री० [ब० स०,+टाप्] तेजपत्ता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-दला :
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स्त्री० [ब० स०,+टाप्] तेजपत्ता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-नस्य :
|
पुं० [कर्म० स०] पीनस रोग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-नस्य :
|
पुं० [कर्म० स०] पीनस रोग। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-नासिका :
|
वि० [ब० स०] पीनस रोग से पीड़ित। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-नासिका :
|
वि० [ब० स०] पीनस रोग से पीड़ित। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-पत्र :
|
पुं० [ब० स०] १. सोनापाठा। २. पीला लोध। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-पत्र :
|
पुं० [ब० स०] १. सोनापाठा। २. पीला लोध। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-पत्रिका :
|
स्त्री० [ब० स०, कप्,+टाप्, इत्व] प्रसारिणी लता। परसन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-पत्रिका :
|
स्त्री० [ब० स०, कप्,+टाप्, इत्व] प्रसारिणी लता। परसन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-पर्ण (क) :
|
पुं० [ब० स०] [ब० स०, कप्] पूति-करंज। (दे०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-पर्ण (क) :
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पुं० [ब० स०] [ब० स०, कप्] पूति-करंज। (दे०) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-पलल्वा :
|
स्त्री० [ब० स०+टाप्] बड़ा करेला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-पलल्वा :
|
स्त्री० [ब० स०+टाप्] बड़ा करेला। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-पुष्प :
|
पुं० [ब० स०] इँगुदी वृक्ष। गोंदी। हिंगोट। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-पुष्प :
|
पुं० [ब० स०] इँगुदी वृक्ष। गोंदी। हिंगोट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-फल :
|
पुं० [ब० स०] बकुची। सोमराजी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-फल :
|
पुं० [ब० स०] बकुची। सोमराजी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-बर्बर :
|
स्त्री० [कर्म० स०] बनतुलसी। जंगली तुलसी। काली बर्बरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-बर्बर :
|
स्त्री० [कर्म० स०] बनतुलसी। जंगली तुलसी। काली बर्बरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-भाव :
|
पुं० [ष० त०] सड़ने की क्रिया या भाव। सड़ायँध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-भाव :
|
पुं० [ष० त०] सड़ने की क्रिया या भाव। सड़ायँध। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-मज्जा :
|
स्त्री० [ब० स०,+टाप्] गोंदी। इंगुदी वृक्ष। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-मज्जा :
|
स्त्री० [ब० स०,+टाप्] गोंदी। इंगुदी वृक्ष। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-मयूरिका :
|
स्त्री० [पूति-मयूरी, उपमि० स०+ क+ टाप्, ह्रस्व] अजवायन की तरह का एक पौधा। वि० दे० ‘अजमोदा’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-मयूरिका :
|
स्त्री० [पूति-मयूरी, उपमि० स०+ क+ टाप्, ह्रस्व] अजवायन की तरह का एक पौधा। वि० दे० ‘अजमोदा’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-मूषिका :
|
स्त्री० [कर्म० स०] छछूँदर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-मूषिका :
|
स्त्री० [कर्म० स०] छछूँदर। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-मृत्तिक :
|
स्त्री० [ब० स०] पुराणानुसार इक्कीस नरकों में से एक नरक का नाम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-मृत्तिक :
|
स्त्री० [ब० स०] पुराणानुसार इक्कीस नरकों में से एक नरक का नाम। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-मेद :
|
पुं० [ब० स०] दुर्गंध खैर। अरिमेद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-मेद :
|
पुं० [ब० स०] दुर्गंध खैर। अरिमेद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-योनि :
|
पुं० [ब० स०] एक तरह का योनि-रोग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-योनि :
|
पुं० [ब० स०] एक तरह का योनि-रोग। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-रक्त :
|
पुं० [ब० स०] एक रोग जिसमें नाक में से दुर्गंध युक्त रक्त निकलता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-रक्त :
|
पुं० [ब० स०] एक रोग जिसमें नाक में से दुर्गंध युक्त रक्त निकलता है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-रज्जु :
|
स्त्री० [ब० स०] एक प्रकार की लता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-रज्जु :
|
स्त्री० [ब० स०] एक प्रकार की लता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-वक्त :
|
वि० [ब० स०] जिसके मुँह से दुर्गन्ध निकलती हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-वक्त :
|
वि० [ब० स०] जिसके मुँह से दुर्गन्ध निकलती हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-वात :
|
पुं० [ब० स०] १. बेल का पेड़। २. गंदी वायु। ३. पाद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-वात :
|
पुं० [ब० स०] १. बेल का पेड़। २. गंदी वायु। ३. पाद। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-वृक्ष :
|
पुं० [कर्म० स०] सोनापाठा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-वृक्ष :
|
पुं० [कर्म० स०] सोनापाठा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-व्रण :
|
पुं० [कर्म० स०] ऐसा फोड़ा जिसमें निकलनेवाला मवाद अत्यधिक दुर्गंधयुक्त होता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-व्रण :
|
पुं० [कर्म० स०] ऐसा फोड़ा जिसमें निकलनेवाला मवाद अत्यधिक दुर्गंधयुक्त होता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-शाक :
|
पुं० [कर्म० स०] अगस्त। वक वृक्ष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-शाक :
|
पुं० [कर्म० स०] अगस्त। वक वृक्ष। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-शारिजा :
|
स्त्री० [कर्म० स०] बनबिलाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूति-शारिजा :
|
स्त्री० [कर्म० स०] बनबिलाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतिक :
|
पुं० [सं० पूति√कै (भासित होना)+क] १. दुर्गंध। करंज। काँटा करंज। पूति करंज। २. पाखाना। विष्ठा। वि० १. जिसमें से दुर्गंध निकल रही हो। बदबूदार। २. (घाव) जिसमें विषाक्त कीटाणुओं के कारण सड़ायँध उत्पन्न कर सकता हो। (सेप्टिक, अन्तिम दोनों अर्थों के लिए) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतिक :
|
पुं० [सं० पूति√कै (भासित होना)+क] १. दुर्गंध। करंज। काँटा करंज। पूति करंज। २. पाखाना। विष्ठा। वि० १. जिसमें से दुर्गंध निकल रही हो। बदबूदार। २. (घाव) जिसमें विषाक्त कीटाणुओं के कारण सड़ायँध उत्पन्न कर सकता हो। (सेप्टिक, अन्तिम दोनों अर्थों के लिए) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतिका :
|
स्त्री० [सं० पूतिक+टाप्] १. पोई का साग। २. एक प्रकार की मधुमक्खी। ३. बिल्ली। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतिका :
|
स्त्री० [सं० पूतिक+टाप्] १. पोई का साग। २. एक प्रकार की मधुमक्खी। ३. बिल्ली। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतिका-मुख :
|
पुं० [ब० स०] घोंगा। शंबूक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतिका-मुख :
|
पुं० [ब० स०] घोंगा। शंबूक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पूतिकाष्ठक :
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पुं० [पूतिकाष्ठ+कन्] धूपसरल। |
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पुं० [पूतिकाष्ठ+कन्] धूपसरल। |
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पूतिकाह्र :
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पुं० [सं० पूतिक-आह्रा, ब० स०] पूति करंज। (दे०) |
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पूतिकाह्र :
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पुं० [सं० पूतिक-आह्रा, ब० स०] पूति करंज। (दे०) |
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पूतिगंधा :
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स्त्री० [सं० पूतिगंध+टाप्] एक प्रसिद्ध क्षुप जिसके गुच्छों में काले-काले फूल लगते हैं तथा जिसके बीज उग्रगंध वाले होते हैं और दवा के काम आते हैं। बकुची। |
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पूतिगंधा :
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स्त्री० [सं० पूतिगंध+टाप्] एक प्रसिद्ध क्षुप जिसके गुच्छों में काले-काले फूल लगते हैं तथा जिसके बीज उग्रगंध वाले होते हैं और दवा के काम आते हैं। बकुची। |
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पूतिगंधिका :
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स्त्री० [सं० ब० स०, कप्,+टाप्, इत्व] १. दे० ‘पूतगंधा’। २. पोय का शाक। पूतिका। |
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स्त्री० [सं० ब० स०, कप्,+टाप्, इत्व] १. दे० ‘पूतगंधा’। २. पोय का शाक। पूतिका। |
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पूतिघास :
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पुं० [सं० पूति√घस् (खाना)+अण्] सुश्रुत में वर्णित एक तरह का जंतु। |
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पुं० [सं० पूति√घस् (खाना)+अण्] सुश्रुत में वर्णित एक तरह का जंतु। |
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पूतिफला, पूतिफली :
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स्त्री० [सं० पूतिफल+टाप्] [सं० पूतिफल+ङीष्] बावची। |
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स्त्री० [सं० पूतिफल+टाप्] [सं० पूतिफल+ङीष्] बावची। |
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पूतिभाव :
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पुं० [सं०] एक गोत्र प्रवर्त्तक ऋषि। |
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पुं० [सं०] एक गोत्र प्रवर्त्तक ऋषि। |
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पूतिमुद्गल :
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स्त्री० [सं०] रोहिष तृण। |
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स्त्री० [सं०] रोहिष तृण। |
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पूती :
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स्त्री० [सं० पोत=गट्ठा] १. गाँठ के रूप में होनेवाली पौधों की जड़। २. लहसुन आदि की गाँठ। |
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स्त्री० [सं० पोत=गट्ठा] १. गाँठ के रूप में होनेवाली पौधों की जड़। २. लहसुन आदि की गाँठ। |
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पूतीक :
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पुं० [सं०=पूतिक, पृषो० सिद्धि] १. पूतिकरंज (दे०) २. गंध मार्जार। |
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पुं० [सं०=पूतिक, पृषो० सिद्धि] १. पूतिकरंज (दे०) २. गंध मार्जार। |
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पूतीकरंज :
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पुं० [सं०=पूतिकञ्ज्, पृषो० सिद्धि] पूतिकरंज। (दे०) |
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पुं० [सं०=पूतिकञ्ज्, पृषो० सिद्धि] पूतिकरंज। (दे०) |
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पूतीकरण :
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पुं० [सं०=पूत+च्वि√कृ+ल्युट—अन] पूत अर्थात् पवित्र या शुद्ध करने की क्रिया, प्रणाली या भाव। (प्योरिफिकेशन) |
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पुं० [सं०=पूत+च्वि√कृ+ल्युट—अन] पूत अर्थात् पवित्र या शुद्ध करने की क्रिया, प्रणाली या भाव। (प्योरिफिकेशन) |
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पूतीका :
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स्त्री० [सं०=पूतिक, पृषो० सिद्धि] पोई। पूतिका। शाक। |
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स्त्री० [सं०=पूतिक, पृषो० सिद्धि] पोई। पूतिका। शाक। |
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पूत्कारी :
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स्त्री० [सं०] १. सरस्वती। २. नाग-लोक की राजधानी। |
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स्त्री० [सं०] १. सरस्वती। २. नाग-लोक की राजधानी। |
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पूत्यंड :
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पुं० [सं० पूति-अंड, ब० स०] १. कस्तूरी मृग। २. एक बदबूदार कीड़ा। गंध-कीट। |
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पूत्यंड :
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पुं० [सं० पूति-अंड, ब० स०] १. कस्तूरी मृग। २. एक बदबूदार कीड़ा। गंध-कीट। |
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