शब्द का अर्थ
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पुनर्वाद :
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पुं० [सं० मध्य० स०] १. कोई बात पुनः ज्यों की त्यों अथवा कुछ उलट-पुलट कर कहना। २. छोटे न्यायालय के निर्णय के असंतोषजनक प्रतीत होने पर बडे न्यायालय से उस पर फिर से विचार करने के लिए दी जानेवाली प्रार्थना। (अपील) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुनर्वाद :
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पुं० [सं० मध्य० स०] १. कोई बात पुनः ज्यों की त्यों अथवा कुछ उलट-पुलट कर कहना। २. छोटे न्यायालय के निर्णय के असंतोषजनक प्रतीत होने पर बडे न्यायालय से उस पर फिर से विचार करने के लिए दी जानेवाली प्रार्थना। (अपील) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुनर्वादी (दिन्) :
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पुं० [सं० पुनर्वाद+इनि] वह जो बड़े न्यायालयों से किसी छोटे न्यायालय द्वारा किये हुए निर्णय पर फिर से विचार करने के लिए कहे। (एपेलेन्ट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पुनर्वादी (दिन्) :
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पुं० [सं० पुनर्वाद+इनि] वह जो बड़े न्यायालयों से किसी छोटे न्यायालय द्वारा किये हुए निर्णय पर फिर से विचार करने के लिए कहे। (एपेलेन्ट) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |