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शब्द का अर्थ
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परमार्थ :
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पुं० [सं० परम-अर्थ, कर्म० स०] [वि० परमार्थी, परमार्थिक] १. ऐसा पदार्थ या वस्तु जो सबसे बढ़कर हो। जैसे—ब्रह्म पद या मोक्ष। २. वह परम तत्त्व जो नाम, रूप आदि से परे और सबसे बढ़कर वास्तविक माना गया है। विशेष—न्याय में ऐसा सुख परमार्थ माना गया है जिसमें दुःख का सर्वथा अभाव हो। ३. बौद्ध दर्शन में, वस्तु का वास्तविक रूप और ज्ञान। ४. मोक्ष। ५. दूसरों का उपकार या भलाई। परोपकार। |
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समानार्थी शब्द-
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परमार्थता :
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स्त्री० [सं० परमार्थ+तल्+टाप्] वास्तविक और सच्चे रूप में होनेवाला आध्यात्मिक यथार्थता। |
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परमार्थवाद :
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पुं० [सं० ष० त०] यह मत या सिद्धांत के परमार्थ या परमतत्त्व का चिंतन और प्राप्ति ही मनुष्य का सबसे बड़ा कर्त्तव्य है। |
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परमार्थवादी (दिन्) :
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वि० [सं० परमार्थ√वद्+णिनि] परमार्थवाद संबंधी। पुं० १. परमार्थवाद का अनुयायी या पोषक। २. बहुत बड़ा ज्ञानी और तत्तवाज्ञ। |
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परमार्थी (र्थिन) :
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वि० [सं० परमार्थ+इनि] १. परमार्थ संबंधी ज्ञान का उपासक और चिन्तक। यथार्थ या वास्तविक तत्त्व को ढूँढ़नेवाला। २. मोक्ष चाहनेवाला। मुमुक्ष। ३. दूसरों की भलाई करनेवाला। परोपकारी। |
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