लोगों की राय

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

दीया  : पुं० [सं० दीपक, प्रा० दीअ] १. बत्ती तथा तेल अथवा घी से युक्त छोटा पात्र। क्रि० प्र०—जलना।—जलाना।—बलना।—बालना।—बुझना।—बुझाना। मुहावरा—दीया जलाना=दीवाली निकालना (पहले जो लोग दीवाला निकालते थे वे अपनी कोठी या दूकान का टाट-उलटकर उस पर एक चौमुखा दीया जलाकर रख देते थे और काम-धंधा बंद कर देते थे। दीया ठंढा करना=दीया बुझाना। (किसी के घर का) दीया ठंढा होना=किसी के मरने के फल-स्वरूप उसके परिवार मे अँधेरा छा जाना। दीया दिखाना=मार्ग में प्रकाश करने के लिए दीया सामने करना। दीया बढ़ाना=दीया बुझाना। दीया बत्ती करना=संध्या होने पर दीया जलाना। दीया संजोना=दीया जलाकर प्रकाश करना। दीयें का हँसना=दीये की बत्ती से फूल या गुल झड़ना। दीये से फूल झड़ना=दीये की जलती हुए बत्ती से चमकते हुए गोल पुचड़े या रवे निकलना। गुल झड़ना। पद—दीये बत्ती का समय=संध्या का समय जब दीया जलाया जाता है। २. [स्त्री० अल्पा० दियली] बत्ती जलाने का छोटी कटोरी के आकार का बरतन। वह बरतन जिसमें तेल भरकर जलाने के लिए बत्ती डाली जाती है। ३. उक्त प्रकार की कटोरी के आकार का मिट्टी का छोटा पात्र। मुहावरा—दीये में बत्ती पड़ना=संध्या का समय होने पर दीया जलाया जाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
दीया-सलाई  : स्त्री० [हिं० दीया+सलाई] लकड़ी की वह छोटी सलाई या सींक जिसके एक सिरे पर लगा हुआ मसाला रगड़ने से जल उठता है। आग जलाने की सींक या सलाई।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ
 

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai