शब्द का अर्थ
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कित :
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क्रि० वि० [सं० कुत्र] १. किस ओर। किदर। २. कहाँ। ३. ओर। तरफ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कितक :
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क्रि० वि० [हिं० कितना+एक] कितना। वि० कितने ही। अनेक। कई। |
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कितका :
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वि० [सं० कियत्] एक सार्वनामिक विशेषण जो संज्ञाओं के पहले लगकर ये अर्थ देता है-(क) प्रश्नवाचक रूप में, किस परिणाम या मात्रा का (अथवा में) जैसे—इस काम में कितना सयम लगेगा (ख) मानवाचक रूप में, जितना हो सकता हो, उतना अर्थात् बहुत या यथेष्ट। जैसे—उसे कितना समझाया पर वह मानता ही नहीं। पद—कितना भी या ही=जितना हो सकता हो। बहुत अधिक। जैसे—वह कितना भी दे पर संतोष नहीं होता।—भारतेन्दु। कितने ही=अनेक। कई। जैसे—पृथ्वी के कितने ही अंश धीरे-धीरे ऊपर उठ रहे हैं। |
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कितमक :
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स्त्री०=किस्मत। (भाग्य) उदाहरण—कितमक लीष्या सोभो गवी।—नरपति नाल्ह।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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कितव :
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पुं० [सं० कित√वा (गति)+क] १. जुआरी। २. छलिया। धूर्त्त। ३. उन्मत्त। पागल। बावला। ४. दुष्ट। पाजी। ५. धतूरा। ६. गोरोचन। ७. सिंधु के उस पार रहनेवाली एक प्राचीन जाति। |
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किता :
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पुं० [अ० कतअ] १. काटने की क्रिया, ढंग या भाव। २. सिलाई के लिए कपड़े में की जानेवाली काट-छांट। ३. बनावट आदि का ढंग। जैसे—टोपी अच्छे किते की है। ४. जमीन, मकान, लेख्य आदि की सूचक संख्या। अदद। जैसे—चार किता मकान, दो किता दस्तावेज। ५. प्रेदेश। भू-भाग। |
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किताब :
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स्त्री० [अ०] [वि० किताबी] १. कागज के पन्नों में लिखी हुई (मुद्रित या हस्तलिखित) कोई साहित्यिक कृति, जिसकी जिल्द बँधी हो। पुस्तक। ग्रंथ। २. धर्म-ग्रंथ। जैसे—ईसाइयों या मुसलमानों की किताब। ३. बही-खाता। जैसे—हिसाब-किताब ठीक करना। |
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किताबत :
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स्त्री० [अ०] लिखने की क्रिया या भाव। लिखने का काम। पद—खत किताबत (दे०)। |
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किताबी :
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वि० [अ० किताब] १. किताब या पुस्तक संबंधी। पुस्तकीय। जैसे—किताबी ज्ञान। २. किताब के आकार या रूप रंग का। जैसे—किताबी डिबिया। ३. किताब की तरह कुछ लंबोतरा। जैसे—किताबी चेहरा। |
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किताबी कीड़ा :
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पुं० [अ०+हि०] वह व्यक्ति जो सदा कुछ-न-कुछ पढ़ता रहता हो। |
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कितिक :
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वि० [सं० कियत] कितना। क्रि० वि० कितना ही। बहुत अधिक। उदाहरण—तऊ न मानत कितिक निहोरी।—सूर। |
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कितेक :
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वि० [सं० कियदेक] १. कितना या कितने। २. अनेक। बहुत। |
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कितेब :
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स्त्री० [अ० किताब] १. किताब। पुस्तक। ग्रंथ। २. धर्म-ग्रंथ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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कितेव :
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पुं० =कैतव।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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कितै :
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क्रि० वि० १. =कहाँ। २. =किधर (किस ओर)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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कितो :
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(ौ) वि० [सं० कियत] [स्त्री० किती] कितना या कितने। उदाहरण—किती न गोकुल कुलबधू, काहि न केहि सिख दीन। क्रि० वि०=कितना। |
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कित्ता :
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वि० क्रि० वि०=कितना। |
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कित्ति :
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स्त्री०=कीर्ति। उदाहरण—फूलि कित्ति चौहान की जुम्गनि जुग्ग निवास। चंदबरदाई। |
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कित्तीय :
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स्त्री०=कीर्ति। |
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