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शब्द का अर्थ
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कहर :
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पुं० [अ० कह्र] १. आपत्ति। विपत्ति। संकट। २. विकट क्रोध। प्रकोप। मुहावरा—कहर करना=बहुत ही भयानक, भीषण या विकट काम करना। (किसी पर) कहर करना=बहुत बड़ा अत्याचार या अनर्थ करना। किसी को बहुत बड़ी विपत्ती या संकट में डालना। कहर टूटना=बहुत बड़ी विपत्ति या संकट आना। (किसी पर) कहर ढाना या तोड़ना=किसी को अपने भीषण प्रकोप का पात्र या भाजन बनाना। कुद्ध होकर ऐसा काम करना जिससे कोई बहुत बड़े संकट मे फँसे। पद—कहर का=(क) बहुत अधिक भयानक, भीषण या विकट। (ख) बहुत ही अद्भुत या अनोखा। परम विलक्षण। (ग) बहुत बड़ा-चढ़ा। महान। ३. खलबली। हलचल। मुहावरा—कहर मचना=बहुत बड़ा उत्पात या उपद्रव होना। वि० [अ० कह्रहार] १. अगम। अपार। २. घोर। भयंकर। ३. बहुत प्रबल या विकट। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कहरना :
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अ०=कराहना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कहरवा :
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पुं० [हिं०कहार] १. पाँच मात्राओं का एक ताल। २. दादरे की तरह का एक प्रकार का गीत जो उक्त ताल पर गाया जाता है। ३. उक्त ताल पर होनेवाला नाच। विशेष—संभवतः कहरवा नामक गीत पहले कहारों आदि में ही प्रचलित था। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कहरी :
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वि० [अ० कहर+ई (प्रत्यय)] १. कहर संबधी। २. कहर या आफत ढानेवाला। (व्यक्ति)। ३. बहुत उग्र या तीव्र (गुण, प्रभाव, स्वभाव आदि)। |
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समानार्थी शब्द-
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कहरुबा :
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पुं० [फा०] १. गोंद की तरह का एक पदार्थ जिसे कपड़े आदि पर रगड़कर घास या तिनके के पास रखने से उस कपड़े में चुंबक की-सी शक्ति आ जाती है। तृण-मणि। २. एक प्रकार का सदाबहार वृक्ष, जिसका गोंद राल या धूप कहलाता है। |
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समानार्थी शब्द-
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