लोगों की राय
शब्द का अर्थ खोजें
शब्द का अर्थ
|
कल्ला :
|
पुं० [सं० करौर] १. पेड़-पौधों आदि में निकलनेवाले पत्ते, फल या फूल का आरंभिक रूप। अंकुर। पुं० [सं० कुल्य] वह छोटा कूआँ या गड्ढा जिसके पानी से पान का भीटा सींचा जाता है। १. पुं० [फा० कल्लः] गाल का भीतरी भाग। जबड़ा। मुहा०—कल्ला चलना=(क) भोजन होना। मुँह चलना। (ख) मुँह से बहुत बातें निकलना। जबान चलना। किसी का कल्ला दबाना=बहुत बोलने से रोकना। कल्ला फुलाना=मुँह की ऐसी आकृति बनाना जिससे अप्रसन्नता या रोष सूचित हो। मुँह फुलाना। कल्ला मारना=(क) बहुत बढ़-चढ़कर या उद्दंडतापूर्वक बातें करना। (ख) डींग हाँकना। शेखी बघारना। २. दाढ़। ३. जबड़े से गले तक का अंश। जैसे—कल्ले तो मुस्करा ही रहे हैं।—वृंदावनलाल वर्मा। ४. पशु के उक्त स्थान का मांस। (कसाई)। ५. लंप का ऊपरी वह जालीदार भाग जिसमें बत्ती जलती है (बर्नर)। पुं०=कलह। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कल्लाँच :
|
वि० [तु० कल्लाच] १. गुंडा। बदमाश। लुच्चा। २. परम दरिद्र। कंगाल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कल्लातोड़ :
|
वि० [हिं० कल्ला+तोड़ना] १. (व्यक्ति) जिसमें प्रबल आघात करने की शक्ति हो। २. (उत्तर या बात) जिसके आगे किसी का मुँह बन्द हो जाय। ३. पूरी तरह से दबा लेनेवाला। प्रबल। विकट। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कल्लादराज :
|
वि० [फा०] [भाव० कल्लादराजी, कल्लेदराजी] उद्दंडतापूर्वक और बहुत बढ़-बढ़कर बातें करनेवाला। मुँहजोर। वाचाल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कल्लादराजी :
|
स्त्री० [फा०] उद्दंडतापूर्वक और बहुत बढ़-बढ़कर बातें करना। मुँहजोरी। वाचालता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कल्लाना :
|
अ० [सं० कड् या कल्=संज्ञाशून्य होना] १. आघात, पीड़ा आदि के कारण शरीर के किसी अंग में जलन और सनसनी होना। जैसे—थप्पड़ लगने से गाल कल्लाना। २. (मन में) रह-रहकर दुःख या व्यथा होना। जैसे—जी कल्लाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|
|
|
|
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai