लोगों की राय
शब्द का अर्थ खोजें
शब्द का अर्थ
|
ऐंठन :
|
स्त्री० [हिं० ऐंठना] १. ऐंठने की अवस्था या भाव। २. ऐंठने के कारण पड़ा हुआ बल। मरोड़। ३. वात आदि के प्रकोप के कारण शरीर के किसी अंग में रह-रहकर पड़नेवाला बल या होनेवाला मरोड़ जिसमें वह अंग पीड़ादायक रूप में ऐंठता या ऐंठता हुआ जान पड़ता है। (स्पाज्म) जैसे—पेट, पैर या हाथ में होनेवाली ऐंठन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ऐंठना :
|
अ० [सं० आवर्त्तन, प्रा० आवहन] १. किसी वस्तु में बल पड़ने के कारण उसका किसी ओर मुड़ना या संकुचित होना। २. संकुचित होना। खिंचना। तनना। ३. अकड़, दुराग्रह या शेखी दिखलाना। इतराना। मुहावरा—ऐंठी वैंठी करना (क) अकड़ दिखलाना। (ख) बहाना करना। ४. वात-विकार आदि के कारण शरीर के किसी अंग में रह-रहकर पीड़ा-कारक रूप में बल पड़ना या मरोड़ होना। जैसे—पेट या हाथ पैर ऐंठना। मुहावरा—(किसी की) ऐंठ जाना या ऐंठकर रह जानाबहुत ही विवशता की दशा में और चटपट मर जाना। जैसे—एक कै आते ही वह ऐंठ गया। स० १. किसी चीज में बल डालना। कोई चीज बलपूर्वक दबाते हुए घुमाना। मरोड़ना। (टिवस्ट) जैसे—कान ऐंठना। २. धूर्त्तता या धोखे से किसी से कोई चीज लेना या धन वसूल करना। झँसना। जैसे—वह इसी तरह सबसे रूपए ऐंठकर ले जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
|
|
|
|
A PHP Error was encountered
Severity: Notice
Message: Undefined index: mxx
Filename: partials/footer.php
Line Number: 7
hellothai