शब्द का अर्थ
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उपधान :
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पुं० [सं० उप√धा+ल्युट-अन] १. ऊपर रखना या ठहराना। २. वह वस्तु जिसपर कोई चीज रखी जाय। ३. तकिया, विशेषतः पक्षियों के परों से भरा हुआ तकिया। ४. यज्ञ की वेदी की ईंटें रखते समय पढ़ा जानेवाला मन्त्र। ५. प्रेम। प्रणय। ६. विशेषता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उपधान :
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पुं० [सं० उप√धा+ल्युट-अन] १. ऊपर रखना या ठहराना। २. वह वस्तु जिसपर कोई चीज रखी जाय। ३. तकिया, विशेषतः पक्षियों के परों से भरा हुआ तकिया। ४. यज्ञ की वेदी की ईंटें रखते समय पढ़ा जानेवाला मन्त्र। ५. प्रेम। प्रणय। ६. विशेषता। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उपधानी :
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स्त्री० [सं० उपधान+ङीष्] १. पैर रखने की छोटी चौकी। २. तकिया। ३. गद्दा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उपधानी :
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स्त्री० [सं० उपधान+ङीष्] १. पैर रखने की छोटी चौकी। २. तकिया। ३. गद्दा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |