शब्द का अर्थ
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उन्मन :
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वि० [सं० उन्मनस्] [स्त्री० उन्मना] १. अनमना। अन्यमनस्क। २. उन्मत्त। ३. उद्विग्न। पुं० हठयोग में, मन की वह अवस्था, जो उसकी उन्मनी मुद्रा के साधन के समय प्राप्त होती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मन :
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वि० [सं० उन्मनस्] [स्त्री० उन्मना] १. अनमना। अन्यमनस्क। २. उन्मत्त। ३. उद्विग्न। पुं० हठयोग में, मन की वह अवस्था, जो उसकी उन्मनी मुद्रा के साधन के समय प्राप्त होती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मनस्क :
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वि० [सं० उद्-मनस्, ब० स० कप्] =उन्मन्। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मनस्क :
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वि० [सं० उद्-मनस्, ब० स० कप्] =उन्मन्। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मना (नस्) :
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वि० [सं० उद्-मानस्स० ब० स०] =उन्मन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मना (नस्) :
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वि० [सं० उद्-मानस्स० ब० स०] =उन्मन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मनी :
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स्त्री० [सं० उन्मस् ङीष्स, पृषो० सिद्धि] हटयोग की एक मुद्रा जिसमें भौहों को ऊपर चढ़ाकर नाक की नोक पर दृष्टि जमाई जाती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उन्मनी :
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स्त्री० [सं० उन्मस् ङीष्स, पृषो० सिद्धि] हटयोग की एक मुद्रा जिसमें भौहों को ऊपर चढ़ाकर नाक की नोक पर दृष्टि जमाई जाती है। |
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समानार्थी शब्द-
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