शब्द का अर्थ
|
उक :
|
वि० [सं० उक्ति] उक्ति। कथन। उदाहरण—बन जाए भले शुक की उक से।—निराला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक :
|
वि० [सं० उक्ति] उक्ति। कथन। उदाहरण—बन जाए भले शुक की उक से।—निराला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकचन :
|
पुं० [सं० मुचकुंद] मुचकुंद का फूल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकचन :
|
पुं० [सं० मुचकुंद] मुचकुंद का फूल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकचना :
|
अ० [सं० उत्कीर्ण, पा० उक्कस-उखाड़ना] १. =उखड़ना। २. =उचड़ना। ३. =उचकना। स०१. =उखाड़ना। २. उचाड़ना। ३. =उठाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकचना :
|
अ० [सं० उत्कीर्ण, पा० उक्कस-उखाड़ना] १. =उखड़ना। २. =उचड़ना। ३. =उचकना। स०१. =उखाड़ना। २. उचाड़ना। ३. =उठाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकटना :
|
स०=उघटना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकटना :
|
स०=उघटना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकटा :
|
वि०=उघटा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकटा :
|
वि०=उघटा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकटा-पुराण :
|
पुं० =उघटा पुराण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकटा-पुराण :
|
पुं० =उघटा पुराण। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकठना :
|
अ० [हिं० काठ] १. सूखकर लकड़ी की तरह कड़ा होना या ऐंठना। २. उखड़ना। स०=उघटना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकठना :
|
अ० [हिं० काठ] १. सूखकर लकड़ी की तरह कड़ा होना या ऐंठना। २. उखड़ना। स०=उघटना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकठा :
|
अ० [सं० अव+काष्ठ] १. जो सूखकर लकड़ी की तरह ऐंठ गया हो। २. शुष्क। सूखा। उदाहरण—मिलनि बिलोकि स्वामि सेवक की उकठे तरु फले फूले-तुलसी। वि० पुं० =उघटा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकठा :
|
अ० [सं० अव+काष्ठ] १. जो सूखकर लकड़ी की तरह ऐंठ गया हो। २. शुष्क। सूखा। उदाहरण—मिलनि बिलोकि स्वामि सेवक की उकठे तरु फले फूले-तुलसी। वि० पुं० =उघटा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकड़ू :
|
पुं० [सं० उत्कृतोरु] तलवों और चूतड़ों के बल बैठने की वह मुद्रा जिसमें घुटने छाती से लगे रहते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकड़ू :
|
पुं० [सं० उत्कृतोरु] तलवों और चूतड़ों के बल बैठने की वह मुद्रा जिसमें घुटने छाती से लगे रहते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकढ़ना :
|
अ०-कढ़ना (बाहर निकलना)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकढ़ना :
|
अ०-कढ़ना (बाहर निकलना)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकत :
|
स्त्री०=उक्ति। (कथन)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकत :
|
स्त्री०=उक्ति। (कथन)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकताना :
|
अ० [सं० आकुल, पुं० हिं० अकुलताना] बैठे-बैठे या कोई काम करते-करते जी घबरा जाना। ऊबना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकताना :
|
अ० [सं० आकुल, पुं० हिं० अकुलताना] बैठे-बैठे या कोई काम करते-करते जी घबरा जाना। ऊबना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकती :
|
स्त्री० उक्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकती :
|
स्त्री० उक्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकलना :
|
अ० [सं० उत्+कलन-खुलना, प्रा० उक्कल, गु० उकलवू, उकालो० मरा० उकल (णों)] कपड़े आदि की तह या लपेट खुलना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकलना :
|
अ० [सं० उत्+कलन-खुलना, प्रा० उक्कल, गु० उकलवू, उकालो० मरा० उकल (णों)] कपड़े आदि की तह या लपेट खुलना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकलवाना :
|
स० [हिं० उकेलना का प्रे०] उकेलने का काम दूसरे से कराना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकलवाना :
|
स० [हिं० उकेलना का प्रे०] उकेलने का काम दूसरे से कराना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकलाई :
|
स्त्री० [सं० उद्रिरण, हिं० उगलना] १. उगलने की क्रिया या भाव। २ उल्टी। कै। स्त्री० [हिं० उकलना] उकलने या उकेलने की क्रिया, भाव या मजदूरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकलाई :
|
स्त्री० [सं० उद्रिरण, हिं० उगलना] १. उगलने की क्रिया या भाव। २ उल्टी। कै। स्त्री० [हिं० उकलना] उकलने या उकेलने की क्रिया, भाव या मजदूरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकलाना :
|
अ० [हिं० उकलाई] १. उगलना। उलटी करना। कै करना। अ० [सं० आकुल] आकुल होना। अकुलाना। उदाहरण—...जिवड़ों अति उकलावै।—मीराँ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकलाना :
|
अ० [हिं० उकलाई] १. उगलना। उलटी करना। कै करना। अ० [सं० आकुल] आकुल होना। अकुलाना। उदाहरण—...जिवड़ों अति उकलावै।—मीराँ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकलेसरी :
|
पुं० [अंकलेश्वर (स्थान का नाम)] हाथ का बना एक प्रकार का कागज। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकलेसरी :
|
पुं० [अंकलेश्वर (स्थान का नाम)] हाथ का बना एक प्रकार का कागज। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकवत :
|
पुं० [सं० उत्कोथ] एक प्रकार का चर्म रोग जिसमें छोटे-छोटे लाल दाने निकल आते हैं और बहुत खुजली तथा पीड़ा होती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकवत :
|
पुं० [सं० उत्कोथ] एक प्रकार का चर्म रोग जिसमें छोटे-छोटे लाल दाने निकल आते हैं और बहुत खुजली तथा पीड़ा होती है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकसना :
|
अ० [सं० उत्कष] १. नीचे से ऊपर को आना। उभरना। निकलना। २. अंकुरित होना। उगना। ३. ऊपर होने के लिए उचकना। उदाहरण—पुनि पुनि मुनि उकसहिं अकुलाहीं।—तुलसी। अ० [क्रि० उकसाना का अ० रूप] दूसरों द्वारा प्रेरित होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकसना :
|
अ० [सं० उत्कष] १. नीचे से ऊपर को आना। उभरना। निकलना। २. अंकुरित होना। उगना। ३. ऊपर होने के लिए उचकना। उदाहरण—पुनि पुनि मुनि उकसहिं अकुलाहीं।—तुलसी। अ० [क्रि० उकसाना का अ० रूप] दूसरों द्वारा प्रेरित होना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकसनि :
|
स्त्री० [हिं० उकसना] उकसने की अवस्था या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकसनि :
|
स्त्री० [हिं० उकसना] उकसने की अवस्था या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकसवाना :
|
स० [हिं० उकसना] उकसने या उकासने का काम किसी और से कराना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकसवाना :
|
स० [हिं० उकसना] उकसने या उकासने का काम किसी और से कराना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकसाई :
|
स्त्री० [हिं० उकसाना] उकसाने की क्रिया भाव या मजदूरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकसाई :
|
स्त्री० [हिं० उकसाना] उकसाने की क्रिया भाव या मजदूरी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकसाना :
|
स० [हिं० ‘उकसना’ का प्रे० रूप] [भाव० उकसाहट] १. किसी को कोई काम करने के लिए उत्साहित, उत्तेजित या प्रेरित करना। उभाड़ना। २. ऊपर या आगे की ओर बढ़ाना। जैसे—दीए की बत्ती उकसाना। ३. किसी को कहीं से उठाना या हटाना। (क्व०)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकसाना :
|
स० [हिं० ‘उकसना’ का प्रे० रूप] [भाव० उकसाहट] १. किसी को कोई काम करने के लिए उत्साहित, उत्तेजित या प्रेरित करना। उभाड़ना। २. ऊपर या आगे की ओर बढ़ाना। जैसे—दीए की बत्ती उकसाना। ३. किसी को कहीं से उठाना या हटाना। (क्व०)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकसाहट :
|
स्त्री० [हिं० उकसाना+आहट (प्रत्यय)] १. उकसाने की क्रिया या भाव। २. उत्तेजना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकसाहट :
|
स्त्री० [हिं० उकसाना+आहट (प्रत्यय)] १. उकसाने की क्रिया या भाव। २. उत्तेजना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकसौहाँ :
|
वि० [हिं० उकसना+औहाँ (प्रत्यय)] [स्त्री० उकसौही] उकसने, उभड़ने या बाहर निकलने की प्रवृत्ति रखनेवाला। उभड़ता हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकसौहाँ :
|
वि० [हिं० उकसना+औहाँ (प्रत्यय)] [स्त्री० उकसौही] उकसने, उभड़ने या बाहर निकलने की प्रवृत्ति रखनेवाला। उभड़ता हुआ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकाब :
|
पुं० [अ०] गिद्ध की जाति का एक बड़ा पक्षी। गरुड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकाब :
|
पुं० [अ०] गिद्ध की जाति का एक बड़ा पक्षी। गरुड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकार :
|
पुं० [सं० उ+कार] १. ‘उ’ स्वर। २. शिव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकार :
|
पुं० [सं० उ+कार] १. ‘उ’ स्वर। २. शिव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकारांत :
|
वि० [सं० उकार-अंत, ब० स०] (शब्द) जिसके अंत में ‘उ’ स्वर हो। जैसे—शम्भु, भानु आदि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकारांत :
|
वि० [सं० उकार-अंत, ब० स०] (शब्द) जिसके अंत में ‘उ’ स्वर हो। जैसे—शम्भु, भानु आदि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकालना :
|
स० [सं० उत्कालन] उबालना। स०=उकेलना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकालना :
|
स० [सं० उत्कालन] उबालना। स०=उकेलना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकास :
|
स्त्री० [सं० उकासना] उकासने की क्रिया या भाव। पुं०=अवकाश। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकास :
|
स्त्री० [सं० उकासना] उकासने की क्रिया या भाव। पुं०=अवकाश। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकासना :
|
स० [सं० उत्कर्षण] १. खींच या दबाकर बाहर निकालना। २. ऊपर की ओर ढकेलना या फेंकना। ३. उत्तेजित करना। ४. खोलना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकासना :
|
स० [सं० उत्कर्षण] १. खींच या दबाकर बाहर निकालना। २. ऊपर की ओर ढकेलना या फेंकना। ३. उत्तेजित करना। ४. खोलना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकासी :
|
स्त्री० [हिं० उकसना] उकासने की क्रिया या भाव। स्त्री० [सं० अवकाश] १. छुट्टी। २. अवकाश या छुट्टी के समय मनाया जानेवाला उत्सव।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकासी :
|
स्त्री० [हिं० उकसना] उकासने की क्रिया या भाव। स्त्री० [सं० अवकाश] १. छुट्टी। २. अवकाश या छुट्टी के समय मनाया जानेवाला उत्सव।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकिलन :
|
अ० =उगलना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकिलन :
|
अ० =उगलना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकीरना :
|
स० [सं० उत्कीर्णन] १. खोदकर उखाड़ना या निकालना। उदाहरण—इंदु के उदोत तें उकीरी ही सी काढ़ी, सब सारस सरस, शोभासार तें निकारी सी।—केशव। २. उभाड़ना। ३. दे० ‘उकेरना’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकीरना :
|
स० [सं० उत्कीर्णन] १. खोदकर उखाड़ना या निकालना। उदाहरण—इंदु के उदोत तें उकीरी ही सी काढ़ी, सब सारस सरस, शोभासार तें निकारी सी।—केशव। २. उभाड़ना। ३. दे० ‘उकेरना’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकील :
|
पुं०=वकील।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकील :
|
पुं०=वकील।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकुति :
|
=उक्ति।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकुति :
|
=उक्ति।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकुति-जुगुति :
|
पद=उक्ति-युक्ति।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकुति-जुगुति :
|
पद=उक्ति-युक्ति।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकुरु :
|
पुं० =उकड़ूँ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकुरु :
|
पुं० =उकड़ूँ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकुसना :
|
अ० =उकसना। स० [?] नष्ट करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकुसना :
|
अ० =उकसना। स० [?] नष्ट करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकेरना :
|
स० [सं० उत्कीर्ण या उकीर्य] पत्थर, लकड़ी, लोहे आदि कड़ी चीजों पर छेनी आदि से नक्काशी करना या बेल-बूटे बनाना। (एनग्रेव)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकेरना :
|
स० [सं० उत्कीर्ण या उकीर्य] पत्थर, लकड़ी, लोहे आदि कड़ी चीजों पर छेनी आदि से नक्काशी करना या बेल-बूटे बनाना। (एनग्रेव)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकेरी :
|
स्त्री० [हिं० उकेरना] १. उकेरने की कला या विद्या। २. उकेरने या खोदकर बेल-बूटे बनाने का काम। नक्काशी। (एनग्रेविंग) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकेरी :
|
स्त्री० [हिं० उकेरना] १. उकेरने की कला या विद्या। २. उकेरने या खोदकर बेल-बूटे बनाने का काम। नक्काशी। (एनग्रेविंग) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकेलना :
|
स० [हिं० उकलना] १. लिपटी हुई चीज को छुड़ाना। २. उधेड़ना। ३. तह खोलना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकेलना :
|
स० [हिं० उकलना] १. लिपटी हुई चीज को छुड़ाना। २. उधेड़ना। ३. तह खोलना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकौथ (ा) :
|
पुं० =उकवत। (रोग)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकौथ (ा) :
|
पुं० =उकवत। (रोग)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकौना :
|
पुं० [हिं० ओकाई ?] गर्भवती स्त्री के मन में होनेवाली अनेक प्रकार की इच्छाएँ। दोहद। क्रि० प्र० उठना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उकौना :
|
पुं० [हिं० ओकाई ?] गर्भवती स्त्री के मन में होनेवाली अनेक प्रकार की इच्छाएँ। दोहद। क्रि० प्र० उठना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्क :
|
अव्य० [हिं० उकड़ूँ ?] १. आगे। २. मुँह के बल। वि०=उत्कंठित।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्क :
|
अव्य० [हिं० उकड़ूँ ?] १. आगे। २. मुँह के बल। वि०=उत्कंठित।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्त :
|
वि० [सं०√वच् (बोलना)+क्त] १. कहा या बतलाया हुआ। २. जिसका वर्णन ऊपर या पहले हुआ हो। जो ऊपर या पहले कहा गया हो। (एफोरसेड)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्त :
|
वि० [सं०√वच् (बोलना)+क्त] १. कहा या बतलाया हुआ। २. जिसका वर्णन ऊपर या पहले हुआ हो। जो ऊपर या पहले कहा गया हो। (एफोरसेड)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्त-निमित्त :
|
वि० [ब० स०] [स्त्री० उक्त=निमित्ता] जिसका निमित्त या कारण स्पष्ट शब्दों में कहा गया हो। जैसे—उक्त निमित्ता। विशेषोक्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्त-निमित्त :
|
वि० [ब० स०] [स्त्री० उक्त=निमित्ता] जिसका निमित्त या कारण स्पष्ट शब्दों में कहा गया हो। जैसे—उक्त निमित्ता। विशेषोक्ति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्त-प्रत्युक्त :
|
पुं० [द्व० स०] १. लास्य के दस अंगों में से एक। २. कोई कही हुई बात और उसका दिया हुआ उत्तर। बात-चीत। कथोपकथन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्त-प्रत्युक्त :
|
पुं० [द्व० स०] १. लास्य के दस अंगों में से एक। २. कोई कही हुई बात और उसका दिया हुआ उत्तर। बात-चीत। कथोपकथन। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्ताक्षेप :
|
पुं० [उक्त-आक्षेप, तृ० त०] साहित्य में आक्षेप अंलकार का एक भेद, जिसमें किसी से कोई बात इस ढंग से कही जाती है कि उससे नहिक, निषेध या निवारण का भाव प्रकट होता है। जैसे—आप वहाँ जाइये न, मैं क्या मना करता हूँ। (अर्थात् आप वहाँ मत जाएँ) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्ताक्षेप :
|
पुं० [उक्त-आक्षेप, तृ० त०] साहित्य में आक्षेप अंलकार का एक भेद, जिसमें किसी से कोई बात इस ढंग से कही जाती है कि उससे नहिक, निषेध या निवारण का भाव प्रकट होता है। जैसे—आप वहाँ जाइये न, मैं क्या मना करता हूँ। (अर्थात् आप वहाँ मत जाएँ) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्ति :
|
स्त्री० [सं०√वच्+क्तिन्] १. किसी की कही हुई कोई बात। कथन। वचन। २. किसी की कही हुई कोई ऐसी अनोखी या महत्त्व की बात जिसका कहीं उल्लेख या चर्चा की जाय। (अटरेन्स) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्ति :
|
स्त्री० [सं०√वच्+क्तिन्] १. किसी की कही हुई कोई बात। कथन। वचन। २. किसी की कही हुई कोई ऐसी अनोखी या महत्त्व की बात जिसका कहीं उल्लेख या चर्चा की जाय। (अटरेन्स) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्ति-युक्ति :
|
स्त्री० [द्व० स०] किसी समस्या के निराकरण के लिए कही हुई कोई बात और बतलाई हुई तरकीब या उक्ति। क्रि० प्र०-भिड़ना।—लगाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्ति-युक्ति :
|
स्त्री० [द्व० स०] किसी समस्या के निराकरण के लिए कही हुई कोई बात और बतलाई हुई तरकीब या उक्ति। क्रि० प्र०-भिड़ना।—लगाना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्ती :
|
स्त्री० =उक्ति।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्ती :
|
स्त्री० =उक्ति।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्थ :
|
पुं० [सं०√वच्+थक्] १. उक्ति। कथन। २. सूक्ति। स्त्रोत्र। ३. एक प्रकार का यज्ञ। ४. वह दिन जब यज्ञ में उक्थ अर्थात् स्त्रोत्र पाठ होता है। ५. प्राण। ६. ऋणभक नाम की अष्टवर्गीय ओषधि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्थ :
|
पुं० [सं०√वच्+थक्] १. उक्ति। कथन। २. सूक्ति। स्त्रोत्र। ३. एक प्रकार का यज्ञ। ४. वह दिन जब यज्ञ में उक्थ अर्थात् स्त्रोत्र पाठ होता है। ५. प्राण। ६. ऋणभक नाम की अष्टवर्गीय ओषधि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्थी (क्थिन्) :
|
वि० [सं० उक्थ+इनि] स्तोत्रों का पाठ करनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्थी (क्थिन्) :
|
वि० [सं० उक्थ+इनि] स्तोत्रों का पाठ करनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्षण :
|
पुं० [सं०√उक्ष् (सींचना)+ल्युट्-अन] [भू० कृ० उक्षित] जल छिड़कने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उक्षण :
|
पुं० [सं०√उक्ष् (सींचना)+ल्युट्-अन] [भू० कृ० उक्षित] जल छिड़कने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |