लोगों की राय

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

आरत  : वि० [सं० ] १. जिसका अंत हो चुका हो। २. शांत। ३. सुशील। ४. (मुद्रा या सिक्का) जिसपर ठप्पे से कोई चिन्ह आदि अंकित हो, उसे चलानेवाले का नाम या समय अंकित न हो। (पंचमार्कड्) वि० =आर्त्त।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आरति  : स्त्री० [सं० आ-रम् (क्रीड़ा)+र्क्त्ति] विरक्ति। स्त्री० १. आरती। २. =आर्त्ति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आरती  : स्त्री० [सं० आरात्रिका] १. देव-पूजन अथवा परम आदरणीय या आराध्य व्यक्ति के स्वागत के समय घी का दिया, कपूर या धूप आदि जलाकर बार-बार घुमाते हुए सामने रखना। नीराजन। मुहावरा—आरती उतारना या करना=घी का दिया कपूर आदि जलाकर बार-बार देवता के मुख तथा अन्य अंगों के सामने भक्तिपूर्वक घुमाना। आरती लेना-आरती कर चुकने के बाद उसकी लौ पर दोनों हथलियाँ रखकर फिर उनसे अपनी आँखें और मुँह छूना। २. वह विशेष प्रकार का आधान या पात्र जिसमें उक्त क्रिया के लिए घी और रूई की बत्ती या बत्तियाँ रखी जाती है। ३. वह विशिष्ट स्त्रोत जो किसी देवता को आरती करने के समय पढ़ा जाता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ
 

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai