लोगों की राय

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

आत्मा  : स्त्री० [सं०√अत् (सततगमन)+मनिण्] [वि० आत्मिक आत्मीय] १. एक अविनाशी अतींद्रिय और अभौतिक शक्ति जो काया या शरीर में रहने पर उसे जीवित रखती और उससे सब काम करवाती है और उसके शरीर में न रहने पर अचेष्ट निक्रिष्य तथा मृत हो जाता है। (सोल)। मुहावरा—आत्मा ठंड़ी होना=इच्छा पूरी होने पर पूर्ण तृप्ति या संतोष होना। २. किसी वस्तु आदि का गूढ़, मूल तथा सार भाग। (स्परिट) जैसे—काव्य की आत्मा, शब्द की आत्मा। ३. चित्त। ४. बुद्धि। ५. मन। ६. अंहकार। ७. ब्रह्म। ८. सूर्य। ९. अग्नि। १. पवन। वायु। हवा। ११. वस्तु या व्यक्ति का धर्म या स्वभाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्माधिक  : वि० [सं० आत्म-अधिक, पं० त०] १. जो अपने आप (या शरीर) से भी बढ़कर प्रिय हो। २. वक्ता के व्यक्तित्व से बढ़कर होनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्माधीन  : वि० [सं० आत्म-अधीन, ष० त०] जो स्वयं अपने वश में हो। पुं० १. पुत्र। बेटा। २. विदूषक। मसखरा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्मानंद  : पुं० [सं० आत्म-आनंद, ष० त०] वह आनंद या सुख जो अपनी आत्मा का ज्ञान और उसमें लीन होने पर प्राप्त होता है। परमानंद।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्मानुभव  : पुं० [सं० आत्म-अनुभव, ष० त०] १. स्वयं प्राप्त किया हुआ अनुभव। २. अपनी आत्मा के अस्तित्व तथा स्वरूप के संबंध में होनेवाला अनुभव या ज्ञान।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्मानुभूति  : स्त्री० [सं० आत्म-अनुभूति, ष० त०] १. आत्मा के स्वरूप आदि के संबंध में होनेवाला अनुभव या ज्ञान। २. अपने आपको होनेवाली अनुभूति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्मानुरूप  : पुं० [सं० आत्म-अनुरूप, ष० त०] जो गुण जाति आदि के विचार से अपने अनुरूप या अपने जैसा हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्माभिमान  : पुं० [सं० आत्म-अभिमान, ष० त०] [वि० आत्मभिमानी] अपनी प्रतिष्ठा का ध्यान या विचार। अपने मान-अपमान का ध्यान।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्माभिमानी (निन्)  : पुं० [सं० आत्म-अभिमानी, ष० त०] [स्त्री० आत्मभिमानिनी] वह जिसे अपनी प्रतिष्ठा और उसकी रक्षा का सदा पूरा ध्यान रहता हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्माभिमुख  : वि० [सं० आत्म-अभिमुख, ष० त०] जो आत्मा की ओर अभिमुख हो। अंतर्मुख।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्मायन  : पुं० [सं० आत्म-अयन, ष० त०] १. आत्माओं के आने-जाने का मार्ग। २. प्रेतात्मवादियों की वह बैठक या चक्र जिसमें परलोक गत आत्माओं से संपर्क स्थापित करके प्रेतात्मवाद के रहस्य जाने जाते है। आत्म-चक्र। (सियंस)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्माराम  : पुं० [सं० आत्म-आराम, ब० स०] १. अपनी आत्मा में रमण करने या लीन रहनेवाला अथवा आत्मज्ञान से तृप्त योगी। २. आत्मा या जीवरूपी व्यक्ति। ३. स्वयं अपनी आत्मा और व्यक्तित्व के संबंध में प्रयुक्त होनेवाली संज्ञा। जैसे—हमारे आत्माराम तो यह बात नहीं मानते। ४. तोते का लोक-प्रचलित नाम।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्मार्थी (र्थिन्)  : वि० [सं० आत्म-अर्थिन्,ष०त०] [स्त्री० आत्मर्थिनी] १. अपना ही भला चाहनेवाला। २. स्वार्थी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्मार्पण  : पुं० [सं० आत्म-अर्पण, च० त०] १. दे० ‘आत्म-निवेदन’। २. दे० ‘आत्म-समर्पण’।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्मावलंबन  : पुं० [सं० आत्म-अवलंबन, ष० त०] [वि० आत्मवलंबी] दूसरे के आसरे न रहकर सदा अपने आप पर पूरा भरोसा रखने की क्रिया या भाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्मावलंबी (बिन्)  : पुं० [सं० आत्म-अवलंब, ष० त०+इनि] आत्मावलंबन करने अर्थात् अपने भरोसे सब काम करनेवाला व्यक्ति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आत्माश्रय  : पुं० [सं० आत्म-आश्रय, ष० त०] अपनी बुद्धि योग्यता या शक्ति पर अथवा अपनी आत्मा का ही आसरा या भरोसा होना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ
 

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai