लोगों की राय

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

आघ  : पुं० [सं० अर्घ, पा० अग्घ-मूल्य] १. आदर। सम्मान। उदाहरण—जनमु जलधि पानिपु विमल भौ जग आघ अपारू-बिहारी। २. महत्व या मूल्य। ३. अपना अस्तित्व। आपा। उदाहरण—चीते तिदुएँ बाघ भभरि निज आघ भुलाए। रत्ना। पुं० [सं० आघ्रा,प्रा०अग्घा] सूँघने की क्रिया या भाव। उदाहरण—राघौ आघौ होत जौ कत आछत जिय साध।—जायसी।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आघना  : अ०=अघाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आघर्षण  : पुं० [सं० आ√घृष् (रगड़ना)+ल्युट्-अन] घर्षण। रगड़।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आघात  : पुं० [सं० आ√हन् (मारना)+घञ्] १. अचानक लगनेवाली ठोकर या धक्का। २. चोट पहुँचाने के लिए किसी चीज से मारना। प्रहार। ३. उक्त के फलस्वरूप लगनेवाली चोट। (इंजरी)। ४. किसी दुर्घटना के कारण होनेवाला मानसिक कष्ट या व्यथा। ५. वध। हत्या। ६. पशु वध करने का स्थान। बूचड़खाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आघातक  : वि० [सं० आ√हन्+ण्वुल्-अक] आघात करनेवाला। पुं० १. यंत्र में वह अंग या पुरजा जो किसी दूसरे अंग या पुरजे पर आघात करके उसे कोई काम करने के लिए प्रवृत्त करता है। २. तोप, बन्दूक आदि वह खटका जिसके गिरने से बारूद में विस्फोट होता है। (स्ट्राइकर)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आघातन  : पुं० [सं० आ√हन्+णिच्+ल्युट्-अन] १. आघात करने की क्रिया या भाव। २. वध स्थान।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आघार  : पुं० [सं० आ√घृ(क्षरण)+घञ्] हवन, यज्ञ आदि के समय घी से दी जानेवाली आहुति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आघारना  : स० [सं० आघार] १. आहुति देना। २. छिड़कना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आघी  : स्त्री० [सं० अर्घ, पा० अग्घ-मूल्य] १. देहातों में लेनदेन का वह प्रकार जिसमें कर्ज लेनेवाला महाजन को अनाज के रूप में ब्याज चुकाता है। २. उक्त प्रकार से दिया जानेवाला अन्न।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आघु  : स्त्री०=आघ।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आघूर्णन  : पुं० [सं० आ√घूर्ण (घूमना)+ल्युट्-अन] अच्छी तरह घूमना या चक्कर खाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आघोष  : पुं० [सं० आ√घुष् (शब्द करना)+घञ्] १. जोर से किया जानेवाला घोष या शब्द। २. गर्वपूर्ण उक्ति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आघ्राण  : पुं० [सं० आ√घ्रा (सूँघना)+ल्युट्-अन] १. सूँघने की क्रिया या भाव। २. तृप्त या संतुष्ट होना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आघ्रात  : भू० कृ० [सं० आ√घ्रा+क्त] सूँघा या सूघाया हुआ। पुं० [सं० ] ग्रहण के दस भेदों में से एक जिसमें चंद्रमंडल या सूर्यमंडल एक ही ओर कुछ मलिन दिखाई देता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
आघ्रेय  : वि० [सं० आ√घ्रा+यत्] जो सूँघे जाने के योग्य हो या सूँघा जाने को हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ
 

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai