शब्द का अर्थ
|
अहं :
|
सर्व० [सं० अस्मद् का सिद्ध रूप)] मैं। पुं० [सं० √अग्(व्यक्ति)+अमु] १. मनुष्य में होनेवाला एक ज्ञान या धारणा कि मैं हूँ या औरों से मेरी पृथक् और स्वतंत्र सत्ता है। अपने अस्तित्व की कल्पना या भान। (ईगो) २. अगंकार। अभिमान। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंकार :
|
पुं० [सं० अहम्√कृ (करना)+घञ्] १. अंतःकरण की वह स्वार्थपूर्ण वृत्ति जिससे मनुष्य समझता है कि मै कुछ हूँ या कुछ करता हूँ। मन में रहनेवाला ‘मैं’ और ‘मेरा’ का भान। अहं-भाव। (इगोइज्म) विशेष—सांख्य के अनुसार यह महत्तत्व से उत्पन्न एक द्रव्य है और वेदांत में इसे अंतःकरण का वह भेद माना है जिसका विषय अभिमान या गर्व है। २. अभिमान। गर्व। शेखी। (इगोटिज्म) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंकारी (रिन्) :
|
वि० [सं० अहम्√कृ+णिनि] [स्त्री० अहंकारिणी] जिसे अहंकार या अभिमान हो। अहंकार करनेवाला। अभिमानी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंकार्य :
|
पुं० [सं० अहम्√कृ+ण्थत्] (ऐसा उद्देश्य या कार्य) जो स्वयं या अपने द्वारा सिद्ध किया जाने को हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंकृत :
|
वि० [सं० अहम्√कृ+क्त] १. जिसे अपनी सत्ता का भान हो। २. अभिमानी। घमंडी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंकृति :
|
स्त्री० [सं० अहम्√कृ+क्तिन्] अहंकार। अभिमान। घमंड। उदाहरण—अंहकृति में झंकृति जीवन।—निराला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंतंत्र :
|
पुं० [सं० न० त०] १. ऐसी सासन प्राणाली जिसमें एक ही राजा या शासक सह कार्य अपनी इच्छा या मन से करता हो। २. आज-कल मुख्यतः ऐसा राज्यतंत्र जिसमें कोई देश आर्थिक दृष्टि से स्वतंत्र हो और दूसरों देशों से बहुत कुछ पृथक् रहकर अपने सब काम चलाता हो। (आँटार्की)। अहंता |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहःपति :
|
पुं० [सं० ष० त० अहन्, पति]=अहर्पति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंपूर्व :
|
वि० [सं० ब० स०] १. जो (होड़ आदि में) सबसे पहले या आगे रहना चाहता हो। २. अपने आपको सबसे आगे या प्रधान रखने का इच्छुक। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंपूर्विका :
|
स्त्री० [सं० अहंपूर्व+कन्-टाप्, इत्व] १. अंहपूर्व का भाव या विचार। अपने आपको सबसे आगे या प्रधान रखने की इच्छा या कामना। २. प्रतिद्वन्द्विता। होड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंप्रत्यय :
|
पुं० [सं० मध्य० स०] अभिमान। अहंकार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंभद्र :
|
पुं० [सं० मयू० स०] १. अपने आपको आवश्यकता से बहुत बड़ा समझना। २. वह जो अपने आपको सबसे बढ़कर समझता हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंभाव :
|
पुं० [सं० न० त०] १. अहं। अहंकार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंमन्य :
|
वि० [सं० अहम्√मन् (मानना)+खश्] १. अपने आपको औरों से बहुत बढ़कर या बहुत कुछ माननेवाला। २. अभिमानी। घमंडी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंमन्यता :
|
वि० [सं० अहम्मन्य+तल्-टाप्] अपने आपको सबसे बढ़कर बहुत कुछ समझना और अपने संबंध में बढ़-बढ़कर बातें करना। (इगोटिज्म) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंवाद :
|
पुं० [सं० ष० त०] १. अपने आपको सबसे बढ़कर समझना और अपनी बढ़ाई करना। २. डींग मारना। शेखी हाँकना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंवादी (दिन्) :
|
पुं० [सं० अहम्√वद् (बोलना)+णिनि] अहंमन्य। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहःशेष :
|
पुं० [सं० अहन्-शेष, ष० त०] दिन का पिछला पहर। संध्या। सायंकाल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अहंश्रेयस :
|
पुं० [सं० मयू० स०] अपने को बड़ा या श्रेष्ठ मानना या समझना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |