शब्द का अर्थ
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असन :
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पुं० [सं० अस्(पेकना)+ल्युट्-अन] १. वाण, शस्त्र आदि फेकना या चलाना। २. एक प्रकार का वृक्ष। पुं० [सं० अशन] भोजन। आहार। खाना। उदाहरण—भीख असन, कम्मल वसन रखिहौ दूर निवास।—भारतेंदु। |
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समानार्थी शब्द-
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असन-पर्णी :
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स्त्री० [ब० स०ङीष्] सातल नामक वृक्ष। |
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असना :
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पुं० [सं० अशना] पीतशाल नामक वृक्ष। अ०=आसना (होना)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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असनान :
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पुं० =स्नान।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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असनी :
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स्त्री० =अश्विनी (नक्षत्र)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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असन्निधि :
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स्त्री० [सं० न० त०] १. सन्निधि या समीपता का अभाव। २. संग-साथ या घनिष्ठता न होना। |
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असन्निहित :
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वि० [सं० न० त०] १. जो निकट, पास या समीप न हो, फलतः दूरवर्ती या दूरस्थित। २. जो ठीक क्रम या ढंग में न रखा गया हो। |
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