शब्द का अर्थ
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अर्श :
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पुं० [सं०√ऋश् (गति)+अच्] बवासीर नामक रोग। (पाइल्स) पुं० [अ०] १. आकाश। मुहावरा—(किसी को) अर्श पर चढ़ाना=प्रशंसा आदि के द्वारा बहुत बड़ा या श्रेष्ठ ठहराना। दिमाग या मिजाज अर्श पर होना=बहुत अधिक अभिमान होना। २. स्वर्ग। ३. छत। पाटन। ४. बहुत ऊँचा आसन। |
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अर्श-वर्त्म :
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पुं० [ष० त०] बवासीर रोग का एक उग्र प्रकार या भेद। |
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अर्शस :
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पुं० [सं० अर्शस्+अच्] =अर्शी। |
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अर्शहर :
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पुं० [सं० अर्श√हृ(हरण करना)+अच्] अर्श या बवासीर नामक रोग में लाभ करनेवाली वस्तुएँ। जैसे—ओल या सूरन नामक कंद, तेजबल, भिलावाँ, सफेद सरसों आदि। |
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अर्शी (शिन्) :
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पुं० [सं० अर्श+इनि] बवासीर का रोगी। |
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अर्शोध्न :
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पुं० [सं० अर्शस्√हन् (हिंसा)+ट] =अर्शहर। |
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अर्शोहित :
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पुं० [सं० अर्शस्-हित, स० त०]=अर्शहर। |
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