शब्द का अर्थ
|
अरध :
|
अव्य० [सं० अधः] १. अंदर। भीतर। २. नीचे। तले। वि० -अर्ध।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अरधंग :
|
पुं०=अर्द्धांग।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अरधंगी :
|
स्त्री०=अर्द्धांगी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अरधंत :
|
अव्य० [सं० अधस्] नीचे। उदाहरण—अरधंत कवल उरधंत मध्ये प्राण पुरिस का बासा।—गोरखनाथ। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अरधान :
|
स्त्री० [सं० आघ्राण-सूँघना] गंध। महक।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अरधानी :
|
स्त्री० [हिं० अरघान]-अरघान। (सुगंध)। उदाहरण—बिसहर लुरहिं लेहिं अरघानी।—जायसी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अरधाली :
|
स्त्री०=अर्द्धाली।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |