शब्द का अर्थ
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अमन :
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वि० [सं० अमनस्] १. जिसे अनुभूति, ज्ञान अथवा वृद्धि न हो। २. जिसका मन किसी काम में न लगे। पुं० [अ०] १. सुख और शांति। पद—अमन-अमान=देश और समाज की सुव्यवस्था जिसमें सब लोग सुख और शांति से रहते हों। २. आराम। चैन। पद—अमन-चैन=वैयक्तिक जीवन में होनेवाला सुख और निश्चिंतता। ३. बचाव। रक्षा। |
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समानार्थी शब्द-
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अमनस्क :
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वि० [सं० न० ब० कप्] १. मन की चंचलता या इच्छा से रहित। उदासीन। २. अनमना। उदास। ३. अन्यमनस्क। |
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अमना (नस्) :
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वि० [सं० न० ब०] १. बिना मन का। मन-रहित। उदाहरण—अनिवार कामना, नित अबधा अमना बहती।—पंत। २. जिसका अपने मन पर नियंत्रण न हो। ३. अन्यमनस्क। अनमना। ४. लापरवाह। ५. उदास। ६. स्नेह-हीन। ७. ना-समझ। मूर्ख। |
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अमनाक् :
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वि० [सं० न० त०] जो मनाक् या थोड़ा न हो। अधिक। क्रि० वि० अधिकता से। |
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अमनियाँ :
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वि० [सं० अ+मल, अथवा कमनीय] १. खाने-पीने की ऐसी चींजे जिनमें कोई छूत न मानी जाती हो। पक्का। (भोजन) २. पवित्र। शुद्ध। स्त्री० भोजन या रसोई बनाने की क्रिया। (यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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अमनैक :
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पुं० [सं० आम्नायिक] १. नायक या सरदार। २. अधिकारी या पात्र। ३. साहसी। ४. ढीठ। ५. वह जो मन-माने काम करता हो। उदाहरण—दौरि दधि दान काम ऐसी अमनैक तहाँ, आली बनमाली आइ बहियाँ गहत हैं।—पद्याकर। ६. ऐसे आश्तकार जिन्हें किसी कुल विशेष के होने के कारण लगान में कुछ छूट दी जाती थी। |
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अमनैकी :
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स्त्री० [हिं० अमनैक] १. मनमाना आचरण या व्यवहार। २. स्वेच्छाचार। |
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