शब्द का अर्थ
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अभेद :
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वि० [सं० न० ब०] १. जिसमें कोई भेद न हो। २. जिसके भेद या विभाग न हुए हों। ३. जिसका आकार या रूप किसी के अनुरूप, समान या मिलता-जुलता हो। पुं० [न० त०] १. भेद का न होना। भेद का अभाव। अभिन्नता। २. अनुरूपता, एकरूपता। समानता। ३. साहित्य में, रूपक अलंकार का एक भेद जिसमें उपमेय या उपमान का ज्यों का त्यों और बिना कुछ घटाये-बढ़ाये आरोप किया जाता है। वि० दे० ‘अभेद्य’। |
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समानार्थी शब्द-
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अभेदनीय :
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वि० [सं० न० त०] १. जिसका भेदन या छेदन न हो सके। २. जिसके विभाग न हो सके। ३. (भेद या रहस्य) जिसका जल्दी पता न चल सके। |
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समानार्थी शब्द-
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अभेदवादी (दिन्) :
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[सं० अभद्√वद्(बोलना)+णिनि] वह जो जीवात्मा और परमात्मा में कोई भेद न मानता हो। अद्वैतवादी। |
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अभेद्य :
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वि० [सं० न० त०] १. जिसका भेदन, छेदन या विभाग न हो सके। २. जिसका भेदन, छेदन या विभाग करना उचित या उपयुक्त न हो। |
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