शब्द का अर्थ
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अनार्य :
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वि० [सं० न-आर्य, न० त०] १. जो आर्य न हो। २. अश्रेष्ठ और फलतः उपेक्ष्य। पुं० म्लेच्छ शूद्र आदि जो आर्यों से भिन्न हैं। |
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समानार्थी शब्द-
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अनार्य-कर्मी (र्मिन्) :
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वि० [सं० अनार्य-कर्मन्+कन्, प० त०+इनि] अनार्यों के-से कर्म करनेवाला। |
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अनार्य-तिक्त :
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पुं० [मध्य० स०] चिरायता (पौधा)। |
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अनार्यक :
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पुं० [सं० न-आर्य, न० ब० अनार्य+कन्] अगर नामक वृक्ष की लकड़ी। |
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अनार्यज :
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वि० [सं० अनार्य√जन् (उत्पत्ति)+ड] १. जिसका जन्म अनार्यों से हुआ हो। २. अनार्य देश में उत्पन्न। पुं० अगरु वृक्ष। |
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अनार्यता :
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स्त्री० [सं० अनार्य+तल्-टाप्] १. अनार्य होने की अवस्था या भाव। २. अशिष्टता। असभ्यता। |
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अनार्यत्व :
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पुं० [सं० अनार्य+त्व]=अनार्यता। |
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