शब्द का अर्थ
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अती :
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अव्य० वि० स्त्री०=अति। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अतीचार :
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पुं० [अति√चर्(गति) +घञ्, दीर्घ] मर्यादा या सीमा का उल्लंघन। विशेष दे० ‘अतिचार’। |
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अतीत :
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वि० [सं० अति√चर् (गति) +क्त] [क्रि० अतीतना] १. समय के विचार से जो गत बीत या समाप्त हो चुका हो। २. बीते हुए समय से संबंध रखनेवाला। जैसे—अतीत, स्मृतियाँ। ३. जिसका अस्तित्व या सत्ता नष्ट हो चुकी हो। मृत। ४. माया-मोह आदि से रहित। क्रि० वि० परे। बाहर। दूर। पुं० [सं० अतिथि] १. एक प्रकार के साधु या त्यागी भिक्षुक। २. सभी साधु सन्यासी, योगी आदि। ३. संगीत में वह स्थान जो सम से दो मात्राओं के उपरान्त आता है। ४. तबले के किसी बोल या टुकड़े की सम से आधी या एक मात्रा से पहले समाप्ति। |
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अतीतना :
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अ० [सं० अतीत] गुजरना। बीतना। सं० १. व्यतीत करना। बिताना। छोड़ना। त्यागना। |
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अतीथ :
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पुं० [सं० अतिथि] १. एक प्रकार के गोसाई या साधु की प्रायः गृहस्थ होते हैं। २. अतिथि। मेहमान।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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अतींद्रिय :
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वि० [सं० अति-इंद्रिय, अत्या० स०] १. जिसका ज्ञान इंद्रियों से न हो सकता हो। जो इंद्रियों की पहुँच से बाहर हो। २. अलौकिक। पारलौकिक। पुं० १. आत्मा। २. प्रकृति। ३. मन। |
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अतीव :
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वि० [सं० अति-इव प्रा० स०] १. बहुत अधिक। बहुत ज्यादा। २. बढ़ा-चढ़ा। क्रि० वि० बहुत अधिकता से। अत्यन्त। |
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अतीस :
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स्त्री० [सं० अतिविषा] एक पौधा जिसकी जड़ दवा के काम आती है। |
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अतीसार :
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पुं०=अतिसार। |
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