शब्द का अर्थ
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अजी :
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अव्य० [सं० अयि या हिं० ऐ जो) संबोधन का शब्द। ऐ जी का संक्षिप्त रूप। |
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समानार्थी शब्द-
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अजीज :
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वि० (अ० अजीज) १. जिससे प्रेम हो। प्रिय। २. जो निज का या अपना हो। आत्मीय। ३. समीपी। निकट-संबंधी। रिश्तेदार। |
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अजीत :
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वि० दे० अजित। |
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अजीब :
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वि० (अ०) १. जो अपनी सामान्य स्थिति से चकित कर दे। विलक्षण। २. जिसे देखकर आश्चर्य भी हो और प्रसन्नता भी। अद्भुत। ३. जो अनूठा या उत्कृष्ट हो। पद—अजीब वो गरीब-(क) परम विलक्षण। (ख) अति उत्कृष्ट। |
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अजीम :
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वि० (अ०) (भाव० अजमत्) १. बहुत बड़ा। विशालकाय। २. वृद्ध और पूज्य। |
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अजीरन :
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पुं०=अजीर्ण। |
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अजीर्ण :
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वि० [सं०√जृ (वयोहानि) +क्त, न० त०) १. जो जीर्ण या पुराना न हो। फलतः जो नया या अच्छी हालात में हो। २. जो टूटा-फूटा न हो। अक्षुण्ण। ३. जो पचा न हो। पुं० १. एक रोग जिसमें पाचन-शक्ति बिगड़ जाने के कारण भोजन नहीं पचता। अपच। बदहजमी। २. किसी बात या वस्तु की ऐसी अभिव्यक्ति जो उसके निरर्थक बाहुल्य की सूचक तथा हास्यास्पद हो। जैसे—धन या बुद्धि का अजीर्ण। |
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अजीव :
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वि० [सं० न० ब०] १. जिसमें जीवन या जीवन शक्ति न हो। निर्जीव। २. जिसकी जीवन शक्ति नष्ट हो गयी हो। मृत। ३. जिसमें चेतना या चेतन शक्ति न हो। अचेतन। पुं० [सं० न० त०] १. जड़ पदार्थ। २. जैनों के अनुसार धर्म, नीति आदि तत्त्व। |
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