शब्द का अर्थ
|
अगन :
|
वि० [सं० अगण] १. न चलने वाला। स्थावर। उदाहरण—अगन गगन-चर देखत तमासौ सब-सेनापति। २. जो गण रहित हो। ३. जिसकी गणना न हो सके। अगणित। पुं० दे० ‘अंगण'। स्त्री०=अग्नि। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगनइता :
|
पुं०=आग्नेय (कोण)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगनत :
|
वि० =अगणित।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगनि :
|
स्त्री०=अग्नि।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगनिउ :
|
पुं०=आग्नेय। (कोण)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगनित :
|
वि० =अगणित।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगनी :
|
वि०=स्त्री० [?] घोड़े के माथे पर के घूमे हुए बाल या भौरी। स्त्री०=अग्नि। वि० =अगणित।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगनू :
|
पुं०=आग्नेय (कोण)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगनेउ :
|
पुं०=आग्नेय (कोण)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अगनेत :
|
पुं०=आग्नेय (कोण)।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |