शब्द का अर्थ
|
अकलंक :
|
वि० [सं० न० ब०] [भाव० अकलंकता] १. जिसमें कलंक अथवा दोष न हो। कलंक रहित। २. सब तरह से निर्मल। पुं० दे० ‘कलंक’।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अकलंकता :
|
वि० [सं० अकलंक+तल्-टाप्] कलंक अथवा दोष से युक्त न होने का भाव। निर्दोषता। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अकलंकित :
|
वि० [सं० न० त०] १. जिसमें कोई कलंक न लगा हो। २. निर्दोष और शुद्ध। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
अकलंकी (किन्) :
|
वि० [सं० न० त०] जिसमें कोई कलंक या दोष न हो। निष्कलंक। वि० दे० ‘कलंकी’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |