शब्द का अर्थ
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सौरभ :
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वि० [सं०] १. सुरभि संबंधी। सुगंधित। २. सुरभि (गाय) संबंधी अथवा उससे उत्पन्न। पुं० १. सुरभि का भाव या धर्म। सुगंध। खुशबू। महक। २. केसर। ३. तुंबरू। ४. धनियाँ। ५. बोल नामक गंध-द्रव्य। ६. आम। |
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सौरभक :
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पुं० [सं०] एक प्रकार का वर्ण-वृत्त, जिसके पहले चरण में सगण, जगण, सगण, और लघु, दूसरे में नगण, सगण, जगण और गुरु, तीसरे में रगण, नगण, भगण और गुरु तथा चौथे में सगण, जगण, सगण, जगण और गुरु होता है। |
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सौरभित :
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भू० कृ० [सं० सौरभ] सौरभ से युक्त। सुगंधित। |
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सौरभी :
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स्त्री० [सं०] १. सुरभि नाम की गाय की पुत्री। २. गाय। गौ। |
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सौरभेय :
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वि० [सं०] सुरभि-संबंधी। सुरभि का। पुं० सुरभि का पुत्र अर्थात वृष या साँड़। |
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सौरभेयक :
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पुं० [सं०] साँड़। वृष। |
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सौरभेयी :
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स्त्री० [सं०] गाय। गौ। |
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सौरभ्य :
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पुं० [सं०] १. सुरभि का गुण या भाव। सुपभिता। २. सुगंध। खुशबू। ३. सुंदरता। ४. कीर्ति। यश। ५. कुबेर का एक नाम। |
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