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सीधा  : वि० [सं० शुद्ध, व्रज, सूधा, सूधो] [स्त्री० सीधी, भाव० सिधाई, सीधापन] १. जो बिना घूमें, झुके या मुड़े कुछ दूर तक किसी एक ही ओर चला गया हो। जिसमें फेर या घुमाव न हो। सरल। ऋजु। ‘टेढ़ा’ का विपर्याय। जैसे—सीधी लकड़ी। सीधा रास्ता। २. जो ठीक एक ही ओर प्रवृत्त हो। जो ठीक लक्ष्य की ओर हो। जैसे—सीधा निशाना। मुहा०—सीधी सुनाना=साफ-साफ कहना। खरी बात कहना। ३. (व्यक्ति) जो कपटी कुटिल या धूर्त न हो। निष्कपट और सरल प्रकृति का। पद—सीधा-सादा=जो कुछ भी छल कपट न जानता हो। ४. शांत और सुशील। भला। जैसे—सीधा आदमी। सीधी गौ। ५. (व्यवहार) जिसमें उद्दंडता, कपट या छल न हो। पद-सीधी तरह=शिष्टता और सभ्यतापूर्वक। जैसे—पहले उसे सीधी तरह समझाकर देखो। सीधे सुभाव (या स्वभाव)=मन में बिना कोई छल कपट रखे। सरल और सहज भाव से। जैसे—मैंने उन लोगों को सीधे सुभाव क्षमा दिया था। सीधे-से=स्पष्ट रूप से। जैसे—उन्होने सीधे से कह दिया था कि मैं यह काम नहीं करूँगा। मुहा०—(किसी को) सीधा करना=कठोर व्यवहार करके अथवा दंड देकर किसी को अपने अनुकूल बनाना या ठीक रास्ते पर लाना। ६. अच्छा, अनुकूल और लाभदायक। जैसे—जब भाग्य सीधा होगा या सीधे दिन आएँगे) तब सब बातें आप से आप ठीक हो जायँगी। ७. (संबंध) जिसमें और किसी प्रकार का अंतर्भाव, फेर या लगाव न हो। प्रत्यक्ष। पद—सीधा-सीधा=सुगम और प्रत्यक्ष। ८. (कार्य) जिसके संपादन या साधन में कोई कठिनता या जटिलता न हो। सरल और सुगम। आसान। सहज। जैसे—सीधी काम। ९. (बात या विषय) जिसे समझने में कोई कठिनता न हो। जैसे—सीधी बात,सीधा सवाल। १॰. (पदार्थ) जिसका अगला या ऊपरी भाग सामने या ठीक जगह पर हो। ‘उल्टा’ का विपर्याय। जैसे—सीधा करके पहनों । ११. दाहिना। दक्षिण। जैसे—सीधे हाथ से रुपये दे दो। क्रि वि०-ठीक सामने की ओर (सम्मुख)। पुं०किसी पदार्थ के आगे, ऊपर या सामने का भाग। उलटा का विपर्याय (आबवर्स) जैसे-इस कपड़े में जल्दी सीधे या उल्टे का पता नहीं चलता। पुं०[असिद्ध] बिना पका हुआ अन्न जो प्रायः ब्राह्मणों आदि को भोजन बनाने के लिए दिया जाता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
सीधापन  : पुं० [हिं० सीधा+पन (प्रत्य०)] १. सीधा होने की अवस्था, गुण या भाव। सिधाई। २. व्यवहारगत वह विशेषतः जिसमें किसी प्रकार का छल-बल नहीं होता।
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