लोगों की राय

शब्द का अर्थ खोजें

शब्द का अर्थ

बद  : स्त्री० [सं० वर्धन=गिल्टी] १. आतशक या गरमी की बीमारी के कारण या यों ही सूजी हुई जाँघ पर की गिल्टी। गोहिया। बाघी। २. चौपायों का एक संक्रामक रोग जिसमें उनके मुँह से लार बहती है और खुर तथा मुँह में दाने पड़ जाते हैं। वि० [फा०] [भाव० बदी] १. खराब बुरा। २. दुराचारी। ३. दुष्ट। पाजी। स्त्री० [हिं० बदना] १. पलटा। बदला। एवज। जसे—इसके बद में कुछ और दे दो। २. किसी का निश्चित पक्ष। जैसे—दो गाँठ रूई हमारी बद की भी खरीद लो, अर्थात् उसके घाटे-नफे के हम जिम्मेदार रहेंगे।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-अमली  : स्त्री० [फा० बद+अ० अमल] राज्य या शासन का कुप्रबन्ध। शासनिक अव्यवस्था। अराजकता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-गुमान  : वि० [फा०] [भाव० बद-गुमानी] जिसके मन में किसी के प्रति बुरी धारणा हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-गुमानी  : स्त्री० [फा०] किसी के प्रति होनेवाली बुरी धारणा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-गो  : वि० [फा०] [भाव० बदगोई] १. दूसरों की निन्दा या बुराई करनेवाला। २. चुगलखोर। ३. गालियाँ बकनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-गोई  : स्त्री० [फा०] १. किसी के संबंध में बुरी बात कहना। निंदा या निदा करने की क्रिया या भाव। २. बदनामी। ३. चुंगलखोरी। ४. गाली-गलौच।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-चलन  : वि० [फा०] [भाव० बद-चलनी] १. बुरे रास्ते पर चलनेवाला। २. दुश्चरित्र। ३. वेश्यागामी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-चलनी  : स्त्री० [फा०] बद-चलन होने की अवस्था या भाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-जबान  : वि० [फा० बद-जबान] [भाव० बद-जवानी] १. अनुचित गंदी या दूषित बातें करनेवाला। २. गाली-गलौच करनेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-तमीज  : वि० [फा० बद+तमीज] [भाव० बदतमीजी] शिष्टाचार और सलीके का ध्यान न रखते हुए अनुचित आचरण या व्यवहार करनेवाला (व्यक्ति)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-तमीजी  : स्त्री० [फा० बदतमीजी] १. बदतमीज होने की अवस्था या भाव। २. शिष्टाचार और सलीके से रहित कोई अशोभनीय आचरण या व्यवहार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-दिमागी  : स्त्री० [फा०+अ०] १. जरा सी बात पर बुरा मानने की आदत। २. अहंकार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-दुआ  : स्त्री० [फा०+अ०] ऐसी अहित कामना जो शब्दों के द्वारा प्रकट की जाय। शाप। क्रि० प्र०—देना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-नसीब  : वि० [फा०+अ०] [भाव० बद-नसीबी] बुरे नसीबवाला। अभागा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-नसीबी  : वि० [फा०] दुर्भाग्य।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-नीयत  : वि० [फा० बद+अं० नीयत] [भाव० बदनीयती] १. जिसकी नीयत बुरी हो। जो सदाशय न हो। बुरे भाववाला। २. लोभी। लालची। ३. बेईमान।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-परहेज  : वि० [फा० बद-परहेज] [भाव० बद-परहेजी] व्यक्ति जो ऐसी चीजों का भोग करता हो। जो उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हों और जिनसे उसे वस्तुतः परहेज करना चाहिए।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-परहेजी  : स्त्री० [फा० बद-परहेजी] १. परहेज न करने की अवस्था या भाव। बीमार का खाने-पीने में परहेज न करना। २. कुरूप का भोग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-बला  : स्त्री० [फा०] चुडैल। डाइन। वि० १. चुडैल या डाइन की तरह का। २. दुष्ट। ३. उपद्रवी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-बाछ  : पुं० [फा० बद+हिं० बाछ] बेईमानी या अनुचित रूप से प्राप्त किया जानेवाला हिस्सा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-मजगी  : स्त्री०=[फा० बदमजगी] ‘बद-मजा’ होने की अवस्था या भाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-मजा  : वि० [फा० बदमजा] [भाव० मदमजगी] १. (वस्तु) जिसका मजा अर्था्त स्वाद बुरा हो। २. (स्थिति आदि) जिसके रंग में भंग पड़ गया हो फलतः पूरा-पूरा आनन्द न मिल रहा हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-मस्त  : वि० [फा०] [भाव० बदमस्ती] १. मदोन्मत्त। २. कामोन्मत्त।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-मिजाज  : वि० [फा० बदमिजाज] [भाव० बदमिजाजी] (व्यक्ति) जो चिड़चिड़े स्वभाव का हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-मिजाजी  : स्त्री० [फा० बद+मिजाजी] बुरा स्वभाव। चिड़चिड़ापन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-राह  : वि० [फा०] बुरे रास्ते पर चलनेवाला। कुमार्गी। २. दुष्ट। पाजी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-लगाम  : वि० [फा०] जिसके मुँह में लगाम न हो, अर्थात् जिसे भला-बुरा कहने में संकोच न हो। मुँहजोर। मुँहफट।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-शकल  : वि० [फा० बदशकल] [भाव० बदशकली] बुरी और भद्दी शक्ल-सूरत का। कुरूप। बेडौल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद-हाल  : वि० [फा०+अ०] [भाव० बदहाली०] १. दुर्दशाग्रस्त। रोग से आक्रांत और पीड़ित। ३. कंगाल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदइंकार  : वि० [फा०] [भाव० बदकारी] १. बुरा काम करनेवाला। कुकर्मी। २. दुराचारी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदकारी  : स्त्री० [फा०] १. कुकर्म। २. व्यभिचार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदकिस्मत  : वि० [फा० बंद+अ० किस्मत] बुरी किस्मतवाला फूटे भाग्यवाला अभागा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदखत  : वु० [फा० बदखत] [भाव० बदखती] लिखने में जिसके अक्षर सुन्दर और स्पष्ट न होते हों।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदख्वाह  : वि० [फा० बदख्वाह] [भाव० बदख्वाही] १. बुराई चाहनेवाला। २. जो शुभचिंतक न हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदजात  : वि० [फा० बद+अ० जात] [भाव० बदजाती] अधम। नीच।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदतर  : वि० [फा०] बुरे से बुरा। बहुत बुरा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बददिमाग  : वि० [फा०+अ,] [भाव० बद-दिमागी] १. जरा सी बात पर बुरा मान जानेवाला (व्यक्ति) २. अभिमानी। घमंडी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदन  : पुं० [फा०] तन। देह। शरीर। मुहावरा—बदन टूटना-शरीर की हड्डियों विशेषतः जोड़ों में पीड़ा होना। अंग-अंग में पीड़ा होना। बदन तोड़ना-पीड़ा के कारण अंगों तो तानना और खींचना। तन-बदन की सुध न रहना-(क) अचेत रहना। बेहोश रहना। (ख) इतना ध्यानस्थ रहना कि आस-पास की बातों का कुछ भी पता न चले। पुं० [सं० बदन] मुख। चेहरा। जैसे—गज-बदन। स्त्री० [हिं० बदना] कोई बात बदने की क्रिया या भाव। बदान। उदाहरण—बदन बदी थी रंग-महल की टूटी मँडैया में ल्याइ उतारयो (गीत)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदन-तौल  : स्त्री० [फा० बदन+हिं० तौल] मालखंभ की एक कसरत जिसमें हत्थी करते समय मालखंभ को एक हाथ से लपेटकर उसीं के सहारे सारा बदन ठहराते या तौलते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदन-निकाल  : पुं० [फा० बदन+हिं० निकालना] मालखंभ की एक कसर जिसमे मालखंभ के पास खड़े होकर दोनों हाथों की कैंची बाँधते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदना  : स० [सं०√बद्=कहना] १. कथन या वर्णन करना। कहना। २. बात करना। बोलना ३. दृढ़ता या निश्चयपूर्वक कोई बात कहना। पद—बदकर या कह-बदकर-(क) बहुत ही दृढ़ता या निश्चयपूर्वक कहकर। जैसे—वह कह-बदकर कुश्ती जीतता है। (ख) दृढ़ता पूर्वक आगे बढ़कर। ४. प्रणाम के रूप में मानना। ठीक समझना। सकारना। उदाहरण—औरहू न्हायो सु मैं न बदी, जब नेह-नदी में न दी पग—आँगुरी।—नागरीदास। ५. आपस में नियत, निश्चित या पक्का करना। ठहराना। जैसे—दोनों पहलवानों की कुश्ती बदी गयी है। उदाहरण—(क) बदन बदी थी रंग-महल की टूटी मँडैया में ल्याइ उतारयो। (ख) अवधि बदि सैयाँ अजहूँ न आवे।—गीत। ६. किसी प्रकार की प्रतिद्वन्द्विता या होड़ के संबंध में बाजी या शर्त लगाना। जैसे—तुम तो बात-बात में शर्त बदने लगते हो। ७. बड़ा या महत्व का मानना उदाहरण—हिरदय में से जाइयौ, मरद बदौंगो तोहि। ८. किसी को किसी गिनती या लेखे में समझना। ध्यान में लाना। मान्य समझना। जैसे—यह तो तुम्हे कुछ भी नहीं बदता। उदाहरण—(क) सकति सनेहु कर सुनति करीऐ मै न बदउँगा भाई।—कबीर। (ख) बदतु हम कौं नेकु नाँही मरहिं जौ पछिताहिं।—सूर। १॰. नियत या मुकर्रर करना। जैसे—किसी को अपना गवाह बदना। अ० पहले से नियत निश्चित या स्थिर होना। जैसे—जो भाग्य में बदा होगा। वही होगा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदनाम  : वि० [फा०] [भाव० बदनामी] जिसका बुरा नाम फैला हो, अर्थात् कुख्यात।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदनामी  : स्त्री० [फा०] वह गर्हित या निन्दनीय लोक-चर्चा जो कोई अनुचित या बुरा काम करने पर समाज में विपरीत धारणा फैलने के कारण होती है। अपकीर्ति। कुख्याति। लोक-निंदा। (स्कैडल)। क्रि० प्र०—फैलना।-फैलाना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदनी  : वि० [फा०] १. शारीरिक। २. शरीर से उत्पन्न। पुं० [हिं० बदना] एक तरह का शर्तनामा जिसके अनुसार किसान अपनी फसल बाजार भाव से कुछ सस्ते मूल्य पर महाजन को उससे लिए हुए ऋण के बदले में देता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदनीयती  : वि० [फा०+अं०] १. नीयत बुरी होने की अवस्था या भाव। २. लालच। ३. बेईमानी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदनुमा  : वि० [फा० बद=बुरा+नुमा=दिखनेवाला] [भाव० बदनुमाई] जो देखने में कुरूप, भद्दा या भोड़ा हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदफेल  : वि० [फा० बद+अ० फेल] [भाव० बद-फेली] दुष्कर्म करनेवाला। दुष्कर्मी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदफेली  : स्त्री० [फा० बद+अ० फेली] १. दुष्कर्म। २. पर-स्त्री के साथ किया जानेवाला सम्भोग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदबख्त  : वि० [फा० बदख्त] [भाव० बदबख्ती] अभागा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदबख्ती  : स्त्री० [फा० बदबख्ती] अभागापन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदबू  : स्त्री० [फा०] बुरी गन्ध या दुर्गन्ध। क्रि० प्र०—आना।—उठना।—निकलना।—फैलना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदबूदार  : वि० [फा०] जिसमें से बुरी बास निकल रही हो। दुर्गन्धयुक्त।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदमस्ती  : स्त्री० [फा०] १. बद-मस्त होने की अवस्था या भाव। २. नशा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदमाश  : वि० [फा० बद+अ० मआश-जीविका] [भाव० बदमाशी] १. जिसकी जीविका बुरे काम से चलती हो। २. बुरे और निकृष्ट काम करनेवाला। दुर्वृत्त। ३. कुपथगामी। बदचलन। ४. गुंडा और लुच्चा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदमाशी  : स्त्री० [फा० बद+अ० मआशी] १. बदमाश होने की अवस्था या भाव। २. बदमाश का कोई कार्य। ३. कोई ऐसा कार्य जो लड़ाई-झगड़ा करने अथवा किसी के अहित के उद्देश्य से जान-बूझकर किया जाय। ४. व्यभिचार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदर  : पुं० [सं०√बद् (स्थिर होना)+अरच्] १. बेर का पेड़ या फल। २. कपास। ३. बिनौला। क्रि० वि० [फा०] दरवाजे पर। जैसे—दर-बदर भीख माँगना। मुहावरा—(किसी को) बदर करना-=घर से निकालकर दरवाजे के बाहर कर देना। जैसे—किसी को शहर बदर करना अर्थात् इसलिए दरवाजे तक पहुँचा देना कि वह जहाँ चाहे चला जाय, परन्तु लौटकर न आये। (किसी के नाम) बदर निकालना=किसी के जिम्में रकम बाकी निकालना। किसी के हिसाब मे उसके नाम बाकी बताना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदर-नवीसी  : स्त्री० [फा०] १. हिसाब-किताब की जाँच। २. हिसाब-किताब में से गड़बड़ रकमें छाँटकर निकाल अलग करना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरंग  : वि० [फा० ] १. बुरे रंगवाला। २. जिसका रंग उड़ गया हो या फीका पड़ गया हो। ४. विवर्ण। ४. खराब। खोटा। ५. (ताश के खेलमें वह व्यक्ति) जिसके पास किसी विशिष्ट रंग का पत्ता न हो। पं० १. बदरंगी। २. चौसर के खेल में वह गोटी जो रंग न हुई हो, अर्थात् पूगनेवाले घर में न पहुँची हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरंगी  : स्त्री० [फा०] १. रंग का फीकापन या भद्दापन २. ताश के खेल में किसी विशिष्ट रंग के पत्ते न होने की स्थिति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरा  : स्त्री० [फा० बदर+टाप्] वराह क्रांति का पौधा। पुं०=बादल (मेघ)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदराई  : स्त्री०=बदली (आकाश की मेघाच्छन्नता)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरामलक  : पुं० [सं० उपमि० स०] पानी आमला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरि  : पुं० [सं०√बद् (स्थिर होना)+अरि, बा०] १. बेर का पेड़। उक्त पेड़ का फल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरिका  : स्त्री० [सं० बदरी+कन्+टाप्, ह्रस्व] १. बेर का पेड़ और उसका फल। बदरि। २. गंगा का उद्गम स्थान तथा उसके आस-पास का क्षेत्र।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरिकाश्रम  : पुं० [सं० बदरिका-आश्रम, मध्य० स०] उत्तर प्रदेश के गढ़वाल जिले के अन्तर्गत एक प्रसिद्ध तीर्थ-स्थल जहाँ किसी समय नर-नारायण ऋषियों ने तपस्या की थी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरी  : स्त्री० [सं० बदर+ङीष्] बेर का पेड़ और उसका फल। बदरि। स्त्री०=बदली। स्त्री० [देश] १. थैली। २. बोझ। ३. माल का बाहर भेजा जाना। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरी-नाथ  : पुं० [सं० ष० त०] १. बदरिकाश्रम नाम का तीर्थ। २. उक्त तीर्थ के देवता या उनकी मूर्ति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरी-नारायण  : पुं० [सं० ष० त०] बदरी-नाथ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरी-पत्रक  : पुं० [सं० ब० स०+कन्] एक प्रकार का सुगन्ध द्रव्य। नखरी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरी-वन  : पुं० [सं० ष० त०] १. वह स्थान जहां बेर के बहुत से फेड़ हैं। २. बदरिकाश्रम।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरीच्छद  : पुं० [सं० ब० स०] एक तरह का गंध द्रव्य।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरीफला  : स्त्री० [सं० ब० स०] नील शेफालिका का वृक्ष और उसका फल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरीबण  : पुं०=बदरीवन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरुन  : पुं० [?] पत्थर या लकड़ी में की जानेवाली एक प्रकार की जालीदार नक्काशी जिसमें बहुत से कोने होते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरोब  : वि० [फा०+अ०] [भाव० बदरोबी] १. जिसका रोब होना तो चाहिए, फिर भी कुछ रोब न हो २. तुच्छ। ३. भद्दा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरौनक  : वि० [फा० बदरौनक़] १. जिसमें कोई शोभा न हो। श्री-हीन। २. उजाड़।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदरौंह  : वि० [फा० बदरी] बदचलन। बदराह। पुं० [हिं० बादल] आकाश में छाये हुए हलके बादल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदल  : पुं० [अ०] १. बदलने की क्रिया या या भाव। २. बदले में दी हुई वस्तु। ३. पलटा। प्रतिकार। ४. क्षतिपूर्ति। पुं० [हिं० बदलना] बदले हुए होने की अवस्था या भाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदलना  : अ० [अ० बदल-परिवर्तन+ना (प्रत्यय)] १. किसी चीज या बात का अपना पुराना रूप छोड़कर नया रूप धारण करना। एक दशा या रूप से दूसरी दशा या रूप में आना या होना। जैसे—ऋतु बदलना, रंग बदलना, स्वभाव बदलना। २. किसी चीज, बात या व्यक्ति का स्थान किसी दूसरी चीज बात या व्यक्ति को प्राप्त होना। जैसे—(क) इस महीने कई गाड़ियों का समय बदल गया है। (ख) जिले से कई अधिकारी बदल गये हैं। (ग) कल सभा में हमारा छाता (या जूता) किसी से बदल गया था। ३. आकार-प्रकार गुण-धर्म रूप-रंग आदि के विचार से और अथवा पहले से बिलकुल भिन्न हो जाना। जैसे—(क) इतने दिनों तक पहाड़ पर (याविदेश में) रहने से उसकी शक्ल ही बिलकुल बदल गयी है। संयो० क्रि०—जाना। स० १. जो कुछ पहले से हो या चला आ रहा हो उसे हटाकर उसके स्थान पर कुछ और करना, रखना या लाना। जैसे—(क) कपड़े बदलना अर्थात् पुराने या मैले कपड़े उतारकर नये तथा साफ कपड़े पहनना। २. जो कुछ पहले से हो, उसे छोड़कर उसके स्थान पर दूसरा ग्रहण करना। जैसे—(क) उन्होंने अपना पहले वाला मकान बदल दिया है। (ख) रास्ते में दो जगह गाड़ी बदलनी पड़ती है। ३. अपनी कोई चीज किसी को देकर उसके स्थान पर उससे दूसरी चीज लेना० विनिमय करना। जैसे—हमने दुकानदार से अपनी कलम (या किताब) बदल ली थी। संयो० क्रि० -डालना।—देना।—लेना। ४. किसी के आकार-विकार गुण-धर्म रंग-रूप आदि में कोई तात्त्विक या महत्त्वपूर्ण परिवर्तन करना। जैसे—(क) उन्होंने मकान की मरम्मत क्या करायी है, उसकी शक्ल ही बिलकुल बदल दी है। (ख) विद्रोहियों ने एक ही दिन में देश का सारा सासन बदल दिया। संयो० क्रि०—डालना।—देना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदलवाना  : स० [हिं० बदलना का प्रे०] बदलने की काम दूसरे से कराना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदला  : पुं० [अ० बदल, हिं० बदलना] १. बदलने की क्रिया, भाव या व्यापार। २. वह अवस्था जिसमें एक चीज देकर उसके स्थान पर दूसरी चीज ली जाती है। आदान-प्रदान। विनिमय। जैसे—किसी की घड़ी (या छड़ी) से अपनी घड़ी (या छड़ी) का बदला करना। ३. किसी की कोई क्षति या हानि हो जाने पर उसकी पूर्ति के लिए दिया जानेवाला धन या कोई चीज। क्षति-पूर्ति। जैसे—यदि आपकी पुस्तक मुझसे खो जायगी, तो मै उसका बदला आपकों दे दूँगा। पद—बदले या बदले में-रिक्त स्थान की पूर्ति के लिए। किसी के स्थान पर। जैसे—हमारी जो कलम उनसे टूट गयी थी, उसके बदले (या बदले में) उन्होंने यह नयी कलम भेज दी है। ४. किसी ने जैसा व्यवहार किया हो, उसके साथ किया जानेवाला वैसा ही व्यवहार। प्रतिकार। पलटा। जैसे—सज्जन पुरुष बुराई का बदला भी भलाई से ही देते हैं। ५. जिसने जैसी हानि पहुँचायी हो उसे भी अपने संतोषार्थ वैसी ही हानि पहुँचाने की भावना, अथवा पहुंचायी जानेवाली वैसी ही हानि। मुहावरा—(किसी से) बदला चुकाना या लेना=जिसने जैसी हानि पहुँचायी हो उसे भी वैसी ही हानि पहुँचाना। अपने मनस्तोष के लिए किसी के साथ वैसा ही बुरा व्यवहार करना जैसा पहले उसने किया हो। जैसे—भले ही आज उन्होने मुझ पर झूठा अबियोग लगाया हो पर मैं भी किसी दीन उनसे इसका बदला लेकर रहूँगा। ६. किसी काम या बात से प्राप्त होनेवाला प्रतिफल। किसी काम या बात का वह परिमाण जो प्राप्त हो या भोगना पड़े। जैसे—तुम्हें भी किसी न किसी दिन इसका बदला मिलकर रहेगा क्रि० प्र०—देना।—पाना।—मिलना। ७. कोई धन या और कोई चीज जो किसी को कोई काम करने पर उसे प्रसन्न या संतुष्ट करने के लिए दिया जाय। एवज। मुआवजा। जैसे—उनकी सेवाओं का बदला यह सामान्य पुरस्कार नहीं हो सकता।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदलाई  : स्त्री० [हिं० बदलना+आई (प्रत्यय)] १. बदलने की क्रिया या भाव। अदल-बदल। विनिमय। २. बदले में ली या दी जानेवाली चीज। ३. बदलने के लिए बदले में दिया जानेवाला धन। ४. अपकार, हानि आदि करने पर किसी की की जानेवाली क्षति-पूर्ति।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदलाना  : स०=बदलवाना। अ०=बदलना (बदला जाना)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदली  : स्त्री० [अ० बदल+ई (प्रत्यय)] १. बदले हुए होने की अवस्था या भाव। २. किसी सेवा के कर्मचारी को एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर भेजा जाना। तबादला। स्थानांतरण (ट्रान्सफर) स्त्री० [हिं० बादल] १. छोटा बादल। २. आकाश में बादलों के छाये हुए होने की अवस्था या भाव। स्त्री०=बदरी (बेर का फल) उदाहरण—भली विधि हो बदली मुख लावै।—केशव। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदलौअल  : स्त्री० [हिं० बदलना] १. अदल-बदल करने की क्रिया या भाव। २. बदले जाने की अवस्था या भाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदलौवल  : स्त्री०=बदलौअल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदशऊर  : वि० [फा० बद+अं० शऊर] [भाव० बदशऊरी] १. जो ठीक ढंग से तथा शिष्टतापूर्वक कोई काम करना न जानता हो। २. बदतमीज। ३. मूर्ख।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदशगूनी  : स्त्री० [फा०] शगुन का खराब होना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदशुगन  : वि० [फा०] १. अशुभ। २. मनहूस।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदसलीका  : वि० [फा०+अ० सलीकः] १. बदशुऊर। २. बदतमीज।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदसलूकी  : स्त्री०, [फा० बद+अ० सलूक] बुरा व्यवहार। अशिष्ट व्यवहार।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदसूरत  : वि० [फा० बद+अ० सूरत] [भाव० बदसूरती] भद्दी सूरतवाला। कुरूप। बेडौल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदसूरती  : स्त्री० [फा० बद+अं० सूरती] बद-सूरत होने की अवस्था या भाव।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदस्तूर  : अव्य० [फा०] १. जिस प्रकार से पहले से होता आया हो। उसी प्रकार। २. जिस रूप में पहले रहा हो, उसी रूप में। बिना किसी परिवर्तन या हेर-फेर के। यथापूर्व। यथावत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदहज़मी  : स्त्री० [फा० बद+अ० हज़्मी] १. खायी हुई चीज हजम न होने की अवस्था या भाव। अजीर्ण। अपच। २. वह स्थिति जिसमें कोई चीज या बात ठीक तरह से नियंत्रित न रखी जा सके, और अनावश्यक रूप में प्रदर्शित की जाय। जैसे—अक्ल या दौलत की बद-हज्मी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदहवास  : वि० [फा०+अय] [भाव० बद-हवासी] १. जिसके होश-हवास ठिकाने न हों। बौखलाया हुआ। २. उद्दिग्न। विकल। ३. अचेत। बेहोश।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदा-बदी  : स्त्री० [हिं० बदना] १. ऐसी स्थिति जिसमें दोनों पक्ष एक दूसरे से आगे निकलकर अथवा एक-दूसरे को नीचा दिखाना चाहते हों। २. दे० ‘बदान’। क्रि० वि० कह-कहकर। उदाहरण—बदा-बदी ज्यों खेलत हैं ए बदरा बदराह।—बिहारी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदान  : स्त्री० [हिं० बदना+आन (प्रत्यय)] १. बदने की क्रिया या भाव। २. बाजी या शर्त का बदा जाना। अव्य० १. शर्त से बाजी लगाकर। २. दृढ़तापूर्वक प्रतिज्ञा करते हुए।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदाम  : पुं०=बादाम।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदामा  : वि० [फा०] बादाम के आकार-प्रकार का। अंडाकार। (ओवल)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदामी  : पुं० [हिं० बादाम] कौड़ियाले की जाति का एक प्रकार का पक्षी। वि० बादाम के रंग का। बादामी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदि  : स्त्री० [सं० वर्त्त-पलटा] किसी काम या बात का बदला चुकाने के लिए किया जानेवाला काम या बात। बदला। अव्य० १. किसी काम या बात के पलटे या बदले में। २. किसी की खातिर में० ३. लिए। वास्ते। स्त्री०=बदी (कृष्ण पक्ष)। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदी  : स्त्री० [सं० बहुल में का ब+दिवस में का दि-बदि०] चांद्र मास का कृष्ण पक्ष। अँधेरा पाख। सुदी का विपर्याय। जैसे—भादों बदीअष्टमी। स्त्री० [फा०] १. बद अर्थात् बुरे होने की अवस्था या भाव। खराबी। बुराई। पद—नेकी-बदी=(क) उपकार और अपकार। भलाई और बुराई। (ख) घर-गृहस्थी में होनेवाले शुभ और अशुभ काम या घटनाएँ। (विवाह, मृत्यु आदि) जैसे—वह नेकी-बदी में सबका साथ देते (या सबके यहाँ आते-जाते) हैं। २. किसी का किया जानेवाला अपकार या अहित। जैसे—उन्होंने तुम्हारे साथ कोई बदी तो नहीं की थी। ३. किसी की अनुपस्थिति में की जानेवाली उसकी निंदा।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदीत  : वि० [सं० विदित] प्रसिद्ध। मशहूर। उदाहरण—जगत बदीत करी मन—मोहना।—मीराँ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदूख  : स्त्री०=बंदूख। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदूर (ल)  : पुं०=बादल। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदे  : अव्य० [हिं० बद-पक्ष०] वास्ते। लिए। खातिर (पूरब)। उदाहरण—भेंवल छयल या दूध में खाजा तोरे बदे।—तेगअली। पुं० वह मूल्य जिसमें दलाली की रकम भी सम्मिलित हो। (दलाल)।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बदौलत  : अव्य० [फा० ब+अ० दौलत] १. कृपापूर्ण अवलम्ब या सहारे से। जैसे—उन्हें यह नौकरी आपकी ही बदौलत मिली थी। २. कारण या वजह से।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्दर  : पुं०=बादल। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्दल  : पुं०=बादल। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्दू  : पुं० [अ० बद्दू] अरब की एक असभ्य खानाबदोश जाति। वि० [फा० बद]=बदनाम।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्दोदर  : पुं० [सं० बद्ध-उदर, ब० स०] बद्ध-गुदोदर रोग। बद्ध-कोष्ठ।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध  : वि० [सं०√बंध्+क्त] १. जो बाँधा हो या बाँधा गया हो। जकड़ा या बंधन मे पड़ा हुआ। २. जो किसी प्रकार के घेरे में हो। जैसे—सीमा युद्ध। ३. जिस पर कोई प्रतिबंध या रुकावट लगी हो। जैसे—नियमबद्ध, प्रतिज्ञा बद्ध। ४. जो किसी प्रकार निर्धारित या निश्चित किया गया हो। जैसे—आज्ञा-बद्ध। ५. अच्छी तरह जमाया या बैठा हुआ। स्थित। जैसे—पंक्ति बद्ध। ७. किसी के साथ जुड़ा लगा या सटा हुआ। जैसे—कर-बद्ध। ८. कुछ वशिष्ट नियमों के अनुसार किसी निश्चित और विशिष्ट रूप में लाया या रचा हुआ। जैसे—छंदोबद्ध, भाषा-बद्ध। ९. उलझा या फँसा हुआ। जैसे—प्रेम-बद्ध, मोह-बद्ध। १॰. जिसकी गति, मार्ग या प्रवाह रुका हुआ हो। जसे-कोष्ठ-बद्ध। ११. धार्मिक क्षेत्र में जो सासारिक बंधन या मोह-माया में पड़ा हो। मुक्त का विपर्याय।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-कक्ष  : वि० [सं० ब० स०] बद्ध परिकर। तैयार। प्रस्तुत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-कोष्ठता  : स्त्री० [सं० बद्ध-कोष्ठ+तल्० टाप्] वह स्थिति जिसमें पाखाना कम या न होता हो। कब्जियत।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-गुद  : पुं० [सं० ब० स०] आँतों में मल अवरुद्ध होने का रोग।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-गुदोदर  : पुं० [सं० ब० स०] पेट का एक रोग जिसमें हृदय और नाभि के बीच में पेट कुछ बढ़ जाता है और जिसके फलस्वरूप मल रुक-रुककर और थोड़ा-थोड़ा निकलता है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-ग्रह  : वि० [सं० ब० स०] हठी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-चित्त  : वि० [सं० ब० स०] जिसका मन किसी वस्तु या विशय पर जमा हो। एकाग्र।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-जिह्व  : वि० [सं० ब० स०] जो चुप्पी साधे हो। मौन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-दृष्टि  : वि० [सं० ब० स०] जिसकी दृष्टि किसी पर जमी या लगी हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-परिकर  : वि० [सं० ब० स०] जो कमर बाँधे हुए कोई काम करने के लिए तैयार हो। उद्यत तत्पर।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-प्रतिज्ञ  : वि० [सं० ब० स०] प्रतिज्ञा से बँधा हुआ। वचन-बद्ध।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-फल  : पुं० [सं० ब० स०] करंज।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-भूमि  : स्त्री० [सं० कर्म० स०] १. मकान बनाने के लिए ठीक की हुई भूमि। २. मकान का पक्का फर्श।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-मुष्टि  : वि० [सं० ब० स०] १. जिसकी मुट्ठी बँधी रहती हो; अर्थात् जो निर्धनों को भिक्षा ब्राह्मणों को दान आदि न देता हो। २. बहुत कम खर्च करनेवाला। कंजूस।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-मूल  : वि० [सं० ब० स०] १. जिसने जड़ पकड़ ली हो। २. जो मलूतः दृढ़ और अटल हो गया हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-मौन  : वि० [सं० ब० स०] चुप्प। मौन।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-रसाल  : पुं० [सं० कर्म० स०] एक प्रकार का बढ़िया आम।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-राग  : वि० [सं० ब० स०] किसी प्रकार के राग या प्रेम में बँधा हुआ। अनुरक्त।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-वर्चस  : वि० [सं० ब० स०] मल-रोदक। कब्जियत कनरेवाला।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-वाक्  : वि० [सं० ब० स०] वचन-बद्ध।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-वैर  : वि० [सं० ब० स०] जिसके मन में किसी के प्रति पक्का वैर हो।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-शिख  : वि० [सं० ब० स०] १. जिसकी शिखा या चोटी बँधी हुई हो। २. अल्पवयस्क। पुं० छोटा बच्चा। शिशु।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-शिखा  : स्त्री० [सं० बद्ध-शिख+टाप्] भूम्यामलकी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-सूतक  : पुं० [सं० कर्म० स०] रसेश्वर दर्शन के अनुसार पारा जो अक्षत, लघुद्रावी तेजोविशिष्ट निर्मल और गुरु कहा गया है।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्ध-स्नेह  : वि० [सं० ब० स०] किसी के स्नेह में बँधा हुआ। अनुरक्त। आसक्त।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्धक  : वि० [सं० बद्ध+कन्] जो बाँध या पकड़कर मँगाया गया हो। पुं० बँधुआ कैदी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्धकोष्ठ  : पुं० [सं० ब० स०] पाखाना कम या न होने का रोग। कब्ज। कब्जियत। वि० जिसे उक्त रोग हो। कब्ज से पीड़ित।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्धांजलि  : वि० [सं० बद्-आजलि, ब० स०] सम्मान प्रदर्शन के लिए जिसने हाथ जोड़े हों। कर-बद्ध।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्धानुराग  : वि० [सं० बद्ध-अनुराग, ब० स०] आसक्त।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
बद्धी  : स्त्री० [सं० बद्ध+हिं० ई (प्रत्यय)] १. वह जिससे कुछ कसा या बाँधा जाय। जैसे—डोरी, तस्मा, फीता आदि। २. माला या सिकड़ी के आकार का चार लड़ों का एक गहना जिसकी दो लड़ तो गले में होती है और दो लड़ दोनों कंधों पर जनेऊ की तरह बाँहों के नीचे होती हुई छाती और पीठ तक लटकी रहती है। ३. किसी लम्बी चीज की चोट से शरीर पर पड़नेवाला लम्बा चिन्ह या निशान। साँट जैसे—बेंत की मार से शरीर पर बद्धियाँ पड़ना। क्रि० प्र०—पड़ना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
लौटें            मुख पृष्ठ