शब्द का अर्थ
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ताड़न :
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पुं० [सं०√तड्+णिच्+ल्युट्-अन] १. आघात या प्रहार करना। मारना-पीटना। २. डाँट-डपट। घुड़की, झिड़की आदि। ३. दंड। सजा। ४. गणित में गुणा करने की क्रिया। गुणन। जरब। ५. तंत्र शास्त्र का एक विधान जिसमें किसी चीज पर मंत्र के वर्ण लिखकर वह चीज कुछ दूसरेमंत्र पढ़ते हुए किसी पर या कहीं फेंकी या मारी जाती है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ताड़ना :
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स्त्री० [सं०√तड्+णिच्+युच्-अन] १. ताड़न करने अर्थात् मारने-पीटने की क्रिया या भाव। २. किसी के कार्य, व्यवहार आदि से असंतुष्ट होकर उसे सचेत करने तथा कर्तव्यपरायण बनाने के उद्देश्य से कही हुई कड़ी बात। ३. प्रहार। मार। ४. दंड। सजा। ५. किसी को दिया जानेवाला कष्ट, दुःख आदि। स० १. मारना-पीटना। २. किसी के कार्य, व्यवहार आदि से अप्रसन्नता प्रकट करते हुए उस व्यक्ति को सचेत करना और उसका ध्यान कर्तव्यपालन की ओर आकृष्ट करना। ३. दंड या सजा देना। स० [सं० तर्कण या ताड़न] कुछ दूरी पर लोगों की आँखे बचाकर या लुक-छिपकर किये जाते हुए काम को अपने कौशल या बुद्धि-बल से जान ये देख लेना। |
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समानार्थी शब्द-
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ताड़नी :
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स्त्री० [सं० ताड़न+ङीष्] कोड़ा। चाबुक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ताड़नीय :
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वि० [सं०√तड्+णिच्+अनीयर] जिसे ताड़ना देना आवश्यक या उचित हो। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |