शब्द का अर्थ
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झूर :
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वि० [सं० जुष्ट] जूठा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स्त्री० [हिं० झूरना] १. झुरने की क्रिया या भाव। २. उग्र मनस्ताप। जलन। दाह। वि०=झूरा। (सूखा)। वि०=झूठा। क्रि० वि०=झूठ-मूठ। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
झूरना :
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अ०=झुरना।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) स०=झुराना। |
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समानार्थी शब्द-
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झूरा :
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वि० [हिं० झूर] १. सूखा। शुष्क। उदाहरण–काठहु चाहि अधिक सो झूरा।-जायसी। २. रस हीन। नीरस। ३. जिसके साथ और कुछ या कोई न हो। अकेला। ४. (वेतन) जिसके साथ भोजन आदि न मिलता हो। विशेष दे० ‘सूखा’। पुं० १. ऐसा स्थान जहाँ जल का अभाव हो। २. ऐसा समय जिसमें वृष्टि का अभाव हो। सूखा। ३. कमी। न्यूनता। विशेष दे० सूखा। क्रि० प्र०–पड़ना। |
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झूरि :
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स्त्री०=झूर। |
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झूरै :
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क्रि० वि० [हिं० झूर] १. बिना किसी अर्थ या प्रयोजन के। यों ही। व्यर्थ। २. बिना किसी और उपकरण या सामग्री के। खाली। क्रि० वि०=झूठमूठ।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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