शब्द का अर्थ
|
छल :
|
पुं० [सं०छो (काटना)+कलच्, पृषो० सिद्धि, पा० प्रा छल, ब० छल, आ० छड़, पं० छल, गु० छड़, ने० छल० मरा० सड़] १. कपट कौशल धूर्त्तता आदि से युक्त वह व्यवहार जो अपना उद्देश्य सिद्धि करने के लिए किसी को धोखे में रखकर, बहकाकर या वास्तविकता छिपाकर उसके साथ किया जाता है। २. बहाना। मिस। ३. धूर्त्तता। ४. कपट। ५. धोखेबाजी। ६. शत्रु पर युद्ध के नियम के विरुद्ध वार करना। ७. शास्त्रार्थ में, प्रतिपक्षी के कथन का उसके अभिप्राय से भिन्न कोई दूसरा अर्थ करना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छल-कपट :
|
पुं० [द्व० स०] धूर्त्ततापूर्ण आचरण या व्यवहार। धोखेबाजी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छल-छंद :
|
पुं० [द्व० स०] दूसरे को छलने के लिए किया जानेवाला छलपूर्ण व्यवहार। चालबाजी। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छल-छाया :
|
स्त्री० [ष० त०] माया। कपट-जाल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छल-छिद्र :
|
पुं० [द्व० स०] कपट या छलपूर्ण व्यवहार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छल-छिद्री(दिन्) :
|
वि० [सं० छलछिद्र+इनि] कपटी। धूर्त। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छल-बल :
|
पुं० [द्व० स०] वे कपटपूर्ण ढंग या व्यवहार जिनसे किसी की खुशामद करके धोखा देकर अथवा दबाव डालकर अपना काम निकाला जाता है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलक :
|
स्त्री० [हिं० छलकना] छलकने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलंक, छलंग :
|
स्त्री०=छलांग।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलकन :
|
स्त्री० [हिं० छलकना] १. छलक। २. वह अंश जो छलक कर गिरे।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलकना :
|
अ० [सं० क्षल्] १. किसी तरल पदार्थ का अपने आधान या पात्र में पूरी तरह से भर जाने पर उमड़कर इधर-उधर गिरना या गिरने को होना। जैसे–आँखों में आँसू छलकना। २. किसी पात्र में रखे हुए तरल पदार्थ का (पात्र के हिलने पर) झटके से उछलकर पात्र से बाहर गिरना। ३. लाक्षणिक रूप में, किसी चीज का किसी बात से पूरी तरह से भर जाने या युक्त होने पर चारों ओर फूटना या फैला हुआ दिखाई पड़ना। जैसे–आँखों या हृदय में स्नेह छलकना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलकाना :
|
स० हिं० ‘छलकना’ का स० रूप। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलछंदी(दिन्) :
|
वि० [सं० छलछंद+इनि] चालबाज। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलछलाना :
|
अ०=छलकना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलन :
|
पुं० [सं० छल+णिच्+ल्युट्-अन] छलने की क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलना :
|
स्त्री० [सं० छल+णिच्+युच्-अन, टाप्] १. किसी को छलने अर्थात् धोखा देने की क्रिया या भाव। २. वह काम, चीज या बात जिसका उद्देश्य ही दूसरों को छलना या धोखा देना हो। जैसे–यह सारी सृष्टि ही छलना है। स० [सं० छलन] १. छलपूर्ण आचरण या व्यवहार करना। धोखा देना। भुलावे में डालना। २. अपने गुण, रूप आदि का ऐसा प्रदर्शन करना कि उसकी आड़ में किसी का कुछ हर लिया जाय। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलनी :
|
स्त्री० [सं० क्षरण] १. आटा, आदि चालने का छेदोंवाला या जालीदार छोटा उपकरण। चलनी। मुहावरा–छलनी में डालकर छाज उड़ाना=छोटी बात को बड़ी बात करना। २. ऐसी चीज जिसमें उक्त प्रकार के बहुत से छोटे-छोटे छेद हों। जैसे–काँटा में चलते-चलते पाँव छलनी हो गये। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलबल :
|
स्त्री० [अनु०] १. चटक-मटक। शोभा। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलमलना :
|
अ०=छलकना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलमलाना :
|
अ०=छलकना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) स०=छलकाना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलहाया :
|
वि० [सं० छल+हिं० हाया (प्रत्यय)] [स्त्री० छलहाई] छल करने या छलनेवाला। छली। छलिया। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छला :
|
पुं=छल्ला।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलाई :
|
स्त्री०=छल।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलाँग :
|
स्त्री० [हिं० छाल-उछाल+अंग] एक स्थान से खड़े-खड़े वेगपूर्वक उछलकर दूसरे स्थान पर जा खड़े होने की क्रिया या भाव। क्रि० प्र०–भरना। मुहावरा–छलाँगें मारना= (क) बहुत तेजी से चलना। (ख) जल्दी-जल्दी उन्नति करते हुए ऊँचे पर पर पहुँचना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलाँगना :
|
अ० [हिं० छलाँग] छलाँगे भरते हुए आगे बढ़ना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलाना :
|
स० [हिं० छल्ला का प्रे० रूप] छलने का काम दूसरे से कराना। अ० छला जाना। धोखे में आना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलावरण :
|
पुं० [सं० छल-आवरण, ष० त०] [वि० छलावृत्त] १. वास्तविक बात या रूप छिपाने के लिए ऊपर से कोई उसे ऐसा रूप देना जिससे देखनेवाले धोखे में पड़ जायँ। २. युद्ध-क्षेत्र में अपनी तोपों, मोरचों आदि को शत्रु की दृष्टि से बचाने के लिए वृक्षों की डालियों, पत्तियों आदि से ढकना। (कैमोफ्लेज)। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलावा :
|
पुं० [हिं० छल] १. भूत-प्रेत आदि की वह छाया जो एक बार सामने आकर अदृश्य हो जाती है। २. दलदल या जंगलों में रह-रहकर दिखाई पड़नेवाला वह प्रकाश जो मृत शरीरों की हड्डियों में छिपे हुए फासफोरस के जल उठने से उत्पन्न होता है। विशेष–इसी को लोग अगिया बैताल या उल्कामुख (प्रेत के मुख से निकलनेवाली आग) भी कहते हैं मुहावरा–छलावा खेलना=अगिया वैताल का इधर-उधर दिखाई पड़ना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलिक :
|
पुं० [सं० छल+ठन्-इक] रूपक का एक प्रकार। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलित :
|
वि० [सं० छल+णिच्+क्त] जो छला या ठगा गया हो। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलिया :
|
वि० [सं० छल] दूसरों को छलनेवाला। छलपूर्ण आचरण या व्यवहार करनेवाला। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छली(लिन्) :
|
वि० [सं० छल+इनि] छलिया। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छलौरी :
|
स्त्री० [हिं० छाला] एक रोग जिसमें उँगलियों के नाखूनों के नीचे का मांस सड़ने लगता है और उसमें छाले पड़ जाते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छल्ला :
|
पुं० [सं० लल्ली=लता] १. किसी धातु अथवा किसी पदार्थ की बनी हुँ अँगूठी के आकार की कोई गोलाकार रचना २. उक्त की तरह की कोई गोलाकार आकृति। जैसे–बालों का छल्ला। ३. वह गोलाकार रचना या घेरा जो हुक्के के नीचे में कलाबत्तू आदि के तारों का बना होता है। ४. किसी प्रकार का गोल घेरा या मंडल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छल्लि :
|
स्त्री० [सं० छल√ ला (लेना)+कि] १. छाल। २. लता। ३. संतति। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
छल्लेदार :
|
वि० [हि० छल्ला+फा० दार] मंडलाकार घेरे या चिन्होवाला। जिसकी आकृति छल्ले की तरह घेरदार हो। जैसे–छल्लेदार बाल। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |